दिग्गज कारोबारी किशोर बियानी के स्वामित्व वाली फ्यूचर रिटेल ने सितंबर 2020 को समाप्त तिमाही नतीजों की घोषणा कर दी है। इस दौरान फ्यूचर रिटेल को 692.36 करोड़ का घाटा हुआ है। वहीं इससे पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 165.08 करोड़ का लाभ दर्ज किया था।
रेवेन्यू की बात करें, तो दूसरी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 5,449 करोड़ रहा, जो कि एक साल पहले 1,424 करोड़ रुपये था। इस संदर्भ में फ्यूचर रिटेल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते कंपनी का ऑपरेशन प्रभावित हुआ है, जिसकी वजह से वित्तीय परिणामों पर असर पड़ा है। मालूम हो कि कंपनी भविष्य की आर्थिक स्थितियों के लिए बदलाव पर ध्यान दे रही है।
आगे कंपनी ने बयान में कहा कि फ्यूचर रिटेल कोरोना वायरस महामारी की वजह से अपने ग्राहकों, कर्मचारियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न एहतियाती उपाय कर रही है।
फ्यूचर समूह और अमेजन पिछले कुछ दिनों से कानूनी विवाद में उलझे हुए हैं। रिलायंस के साथ सौदे पर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र के हालिया अंतरिम फैसले के कोई मायने नहीं है। फ्यूचर रिटेल ने कहा कि अमेजन उसकी शेयरधारक नहीं है, इसलिए कंपनी के मामलों में उसका कोई दखल नहीं है।
अमेजन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदे को लेकर फ्यूचर समूह को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र में घसीट लिया था। मध्यस्थता केंद्र ने अमेजन की अपील पर सुनवाई करते हुए 25 अक्तूबर को अंतरिम आदेश सुनाया था। अंतरिम आदेश अमेजन के पक्ष में था। अदालत ने अमेजन की याचिका पर 24,713 करोड़ रुपये के इस सौदे के खिलाफ अंतरिम रोक लगाई थी।
इसके बाद अमेजन ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), शेयर बाजारों और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को पत्र लिखकर सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र के अंतरिम आदेश पर गौर करने का अनुरोध किया था।