दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण, कोरोना केस और सामूहिक लक्ष्मी पूजन के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हम बीते कई साल से देख रहे हैं कि अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है, जिसका एक बड़ा कारण पराली का जलाया जाना है।
उन्होंने कहा कि देश में कृषि के अग्रणी संस्थानों में से एक पूसा इंस्टीट्यूट ने पराली को जलाए बिना गलाकर खाद में बदलने का तरीका ढूंढ लिया है। उनकी इस नई खोज को दिल्ली सरकार ने आगे बढ़ाया है। हमने 13 अक्तूबर से दिल्ली की कृषि योग्य भूमि पर पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा बनाए गए केमिकल का छिड़काव कराया।
अब उसके नतीजे आ गए हैं। लगभग 20 दिन बाद दिल्ली के 24 गांवों से रिपोर्ट आई है कि जहां पराली पर केमिकल का छिड़काव किया गया था, वहां वह गलकर खाद में बदल गई है। यह परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं और अब केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक को फैसला करना है कि पिछले सालों की तरह आगे भी पराली जलती रहेगी या फिर इस केमिकल का छिड़काव किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि यह बेहद ही सस्ता केमिकल है। 30 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से यह इस्तेमाल होता है। केजरीवाल ये रिपोर्ट लेकर एयर क्वालिटी कमीशन के समक्ष याचिका दायर करने वाले हैं ताकि पराली गलाने के लिए इस केमिकल का इस्तेमाल हो।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में इस वक्त कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं, अगले सात से दस दिन में कोरोना नियंत्रण में आ जाएगा। इसके बढ़ने की एक बड़ी वजह प्रदूषण है। अगर प्रदूषण थम जाए तो कोरोना भी काफी हद तक नियंत्रित होगा। केजरीवाल ने कहा कि हम राजधानी में बढ़ रहे कोरोना के मामलोें पर पूरी तरह से ध्यान दे रहे हैं और हम हर वो कदम उठा रहे हैं जो संक्रमण रोकने के लिए जरूरी हैं।
इसके बाद केजरीवाल ने एक बार फिर यह याद दिलाया कि दिवाली के दिन दिल्ली के दो करोड़ लोगों को सामूहिक लक्ष्मी पूजन करना है। वह और उनके सभी मंत्री अक्षरधाम मंदिर पहुंचकर लक्ष्मी पूजन करेंगे जिसका प्रसारण सभी प्रमुख टीवी चैनलों पर होगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि दिवाली वाले दिन शाम 7.39 बजे अपनी टीवी खोलकर एक साथ पूजन करें। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इससे एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा जो कोरोना और प्रदूषण जैसी अन्य समस्याओं से लड़ने में मददगार होगा।