भारत ने कई देशों से कहा है कि वह कोरोना वायरस संकट से लड़ने में मानवता की मदद के लिए वैक्सीन के उत्पादन और वितरण में अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करेगा। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दुनिया के 190 से ज्यादा राजनयिक मिशनों के प्रमुखों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और उनके प्रतिनिधियों को एक ब्रीफिंग के दौरान दी।
श्रृंगला ने कहा कि कई देशों ने वैक्सीन आपूर्ति के लिए हमसे संपर्क किया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की यह प्रतिबद्धता दोहराना चाहता हूं कि भारत वैक्सीन के उत्पादन और वितरण के जरिये पूरी मानवता की इस संकट से लड़ने में मदद करेगा। भारत उन देशों की भी मदद करेगा, जो वैक्सीन वितरण के लिए कोल्ड चेन और भंडारण क्षमता बढ़ाना चाहते हैं।
इस बातचीत का आयोजन विदेशी प्रतिनिधियों को कोरोना से लड़ने में भारत के प्रबंधन, वैक्सीन विकास कार्यक्रम, वैक्सीन वितरण में सॉफ्टवेयर और अन्य मुद्दों के अलावा अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बारे में जानकारी देने के लिए की गई थी। विदेश मंत्रालय राजनयिक मिशनों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रमुखों के लिए इस माह पुणे की यात्रा का आयोजन भी करेगा। इस दौरान उन्हें कोरोना से संबंधित शोध और वैक्सीन विकास कार्यक्रम से भी अवगत कराया जाएगा।
विदेश सचिव (Harsh Vardhan Shringla) ने यह भी कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने में सफलता मिली है। भारत में कुछ हफ्ता पहले करीब एक लाख मामले सामने आ रहे थे लेकिन मौजूदा वक्त में यह संख्या अब 50 हजार से कम हो गई है। उन्होंने कहा कि हम सतर्क हैं और पूरे भारत में अपने अनुभवों के आधार पर नई रणनीति तैयार करते रहते हैं। श्रृंगला ने कहा कि भारत में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बीते तीन नवंबर तक 91.96 फीसद जबकि मृत्यु दर 1.49 फीसद हो गई है।