देश में जब हाथरस गैंगरेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं. उस बीच देश की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत में महिलाओं के अधिकार के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसकी व्याख्या की. स्मृति ने कहा कि भारत के विकास के एजेंडे में महिलाओं का अहम योगदान है और देश लैंगिक समानता के विषय पर आगे बढ़ रहा है.

गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर महिला कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें भारत की ओर से स्मृति ईरानी ने हिस्सा लिया.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाएं संख्यात्मक रूप से आधी मानवता का गठन करती हैं, लेकिन उनका प्रभाव समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था के सभी आयामों पर पड़ता है.
हमारे देश भारत में, हम लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण की केंद्रीयता को पहचानते हैं. हमारे विकास के एजेंडे के सभी पहलुओं में ये शामिल है.
स्मृति ईरानी ने यहां अपने संबोधन में कहा कि भारत में अब कई रिफॉर्म किए जा रहे हैं, ताकि महिलाओं को फ्रंटफुट पर काम करने का अवसर मिल सके. स्थानीय सरकारों में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित की जा रही है. बैंकिंग सिस्टम के जरिए भी महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है और अधिकतर बैंक खाते, लोन और अन्य सरकारी योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.
केंद्रीय मंत्री ने यहां कहा कि कोरोना संकट के दौरान सरकार की ओर से स्पेशल सेंटर्स बनाए गए, जिसके जरिए महिलाओं की मदद की गई. इसमें काउंसलिंग, कानूनी मदद की सुविधा दी गई है.
आपको बता दें कि स्मृति ईरानी का ये संबोधन तब आया, जब देश में हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर बवाल मच रहा है. स्मृति ईरानी इस वक्त महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं, लेकिन इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए.
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