कंगना रनौत दफ्तर मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. हाई कोर्ट ने मुंबई में गिरती इमारतों को लेकर BMC को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने BMC से कहा है कि मानसून में आप टूटी इमारत इस तरह नहीं छोड़ सकते हैं. कोर्ट ने BMC से कहा है कि वैसे तो आप तेज हैं लेकिन इस मामले में सुस्ती दिखाई.
सुनवाई के दौरान BMC अफसरों और संजय राउत ने अपनी बात वकीलों के जरिए कही जबकि कंगना का पक्ष उनके वकील प्रदीप थोराट रख रहे थे. बीएमसी का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए दो दिन का समय चाहिए जिस पर जस्टिस कठावला भड़क गए. उन्होंने कहा कि किसी का घर तोड़ दिया गया है और हम उस ढांचे को बरसात के मौसम में ऐसे ही नहीं पड़ा रहने दे सकते.
कोर्ट ने कहा कि यूं तो आप बहुत तेज हैं लेकिन जब आप पर आरोप लगते हैं और जवाब मांगा जाता है तो आप पांव खींचने लगते हैं. कोर्ट कल दोपहर 3 बजे इस मामले की सुनवाई करेगा. बता दें कि जज याचिका के ठीक नहीं होने पर नाराजगी दिखाते नजर आए जिस पर कंगना का पक्ष रख रहे एडवोकेट वीरेन सराफ ने माफी मांगी और कहा कि इसे जल्दी से जल्दी ठीक किया जाएगा.
बता दें कि कंगना ने मुंबई में इमारत के गिरने के बाद इस मामले में सुबह ही ट्वीट किया था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “उद्धव ठाकरे, संजय राउत और बीएमसी. जब मेरा घर गैर कानूनी तरीके से तोड़ रहे थे, उस वक्त उतना ध्यान इस बिल्डिंग पर दिया होता तो आज यह लगभग पचास लोग जीवित होते, इतने जवान तो पुलवामा में पाकिस्तान में नहीं मरवाए जितने मासूमों को आपकी लापरवाही मार गई, भगवान जाने क्या होगा मुंबई का.”
कंगना रनौत के दफ्तर की तोड़फोड़ संबंधित मामले पर बुधवार को भी सुनवाई कोर्ट ने टाल दी थी. बुधवार को कोर्ट ने भीषण बारिश के चलते सुनवाई नहीं करने का फैसला किया था. मालूम हो कि सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले को लेकर कंगना रनौत और शिवसेना के बीच जुबानी बहस के ज्यादा आक्रामक हो जाने के बाद BMC ने 9 सितंबर को कंगना के दफ्तर पर बुलडोजर चला दिया था.
इसके बाद कंगना ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद उसी दिन कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. फिर 15 सितंबर को कंगना रनौत ने अपनी संशोधित याचिका में बीएमसी की कार्रवाई को लेकर मुआवजे के रूप में दो करोड़ रुपये की मांग की थी. इस मामले में सुनवाई 22 सितंबर को रखी गई थी.
मुंबई के पाली हिल में स्थित कंगना के इस ऑफिस की कीमत तकरीबन 48 करोड़ रुपये थी. कंगना रनौत और बीएमसी मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि संजय राउत के भाषण और टिप्पणियों को याचिका में शामिल किया गया है, तो क्या उन्हें जवाब देने का अवसर नहीं दिया जाना चाहिए. वह कह सकते हैं कि यह एक मनगढ़ंत सीडी है. इसलिए यदि आप इस पर भरोसा कर रहे हैं तो उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए.
जिस वक्त कंगना का दफ्तर तोड़ा गया तब वह सफर में थीं. वह मनाली स्थित अपने घर से मुंबई लौट रही थीं. उन्होंने शिवसेना को चुनौती दी थी कि अगर रोक सको तो रोक लो. कंगना का दफ्तर तोड़े जाने की घटना के अलावा जब वह मुंबई एयरपोर्ट पर उतरीं तो हजारों शिवसेना समर्थक वहां कंगना वापस जाओ के नारे लगा रहे थे. इसके बाद उन्हें दूसरे रास्ते से वहां से निकाला गया था.