भारत-चीन बॉर्डर पर तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग इलाके में चीन ने फौज की तैनाती बढ़ा दी है. चीनी सेना ने इस इलाके में बंकर, लॉजिस्टिक डिपो और अग्रिम मोर्चे तक रास्ता बनाया है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी.
आने वाले ठंड के दिनों को देखते हुए चीनी फौज ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. पैंगोंग शो इलाके में ठंड से रोकने वाले कई शेल्टर और लॉजिस्टिक पोस्ट देखे जा रहे हैं. चीनी फौज की तैयारी को देखते हुए ऐसा लग रहा है एलएसी पर वे लंबे दिनों तक रुकने की कोशिश में हैं.
लद्दाख में चीन के साथ तनाव के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चीन मौजूदा सीमा को नहीं मानता और यथास्थिति पर उसे भरोसा नहीं है. राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर कई चुनौतियां हैं लेकिन हमारी सेना हर हालात से निपटने को तैयार है.
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा कि चीन ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला बारूद इकट्ठा किया है. भारतीय सेना ने भी पूरी तैयारी की है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि एलएसी का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है और इसे 1993 और 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है, जबकि हमारी सेना इसका पूरी तरह पालन करती है लेकिन चीन की ओर से ऐसा नहीं हुआ है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि अप्रैल में पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन ने अपने सैनिकों की संख्या और हथियारों को बढ़ाया. मई महीने में चीन ने हमारे सैनिकों की पेट्रोलिंग में रुकावट पैदा की.
इसी बीच मई में ही चीन ने पश्चिमी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की, जिसमें पैंगोंग लेक भी शामिल है. भारत ने वक्त रहते इसपर जरूरी एक्शन लिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने चीन को कूटनीतिक स्तर पर बताया है कि ऐसी गतिविधियां हमें मंजूर नहीं हैं.
दोनों देशों के कमांडरों ने 6 जून को मीटिंग की और सैनिकों की संख्या घटाने की बात कही. इस के बाद 15 जून को चीन ने बल प्रयोग किया, इसी झड़प में भारत के जवान शहीद हुए और चीनी सेना को भी बड़ा नुकसान पहुंचा.