सरकार ट्रांसपोर्ट वाहनों में उत्सर्जन के कई अंतरराष्ट्रीय मानक और सुरक्षा उपाय लागू करने की प्रक्रिया में है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण प्रणाली समेत अन्य उपाय शामिल हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि सरकार देश के मोटर वाहन उद्योग को नियमों के मामले में विकसित देशों के समकक्ष लाने का लक्ष्य रख रही है। इसके तहत उसने ट्रांसपोर्ट वाहनों में उत्सर्जन और सुरक्षा उपायों के वैश्विक मानक लागू करने संबंधी कार्यक्रम शुरू किया है।

यह है योजना
सरकार वाहन उद्योग के लिए लंबी अवधि की एक रूपरेखा पर आगे बढ़ रही है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस क्षेत्र के योगदान को बढ़ाया जा सके। मंत्रालय के बयान के मुताबिक अगले दो वर्षो में सरकार इस सेग्मेंट के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण प्रणाली (ईएससी) तथा ब्रेक एसिस्ट प्रणाली के कार्यान्वयन को अंतिम रूप दे रही है।
अप्रैल 2023 से होंगे लागू
गौरतलब है कि बसों के लिए ईएससी अधिसूचना पिछले वर्ष जारी की गई है। बयान में कहा गया है कि बसों के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण प्रणाली के संदर्भ में अधिसूचना का मसौदा जारी किया गया है। इसे अप्रैल, 2023 से लागू किए जाने की संभावना है। मंत्रालय ने इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण को कुछ प्राथमिकता वाले क्षेत्र तय किए हैं। इनमें कुछ वाहन श्रेणियों में टायर के दबाव की निगरानी प्रणाली शामिल है। इसे इसी अक्टूबर से लागू किए जाने की उम्मीद है।
इनकी अधिसूचना पहले ही जारी
– वाहनों की लंबाई-चौड़ाई और निर्माण उपकरण वाहनों के सुरक्षा नियम
– दोपहिया वाहनों में साइड स्टैंड, फुट रेस्ट संबंधी नियम
– एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, एयरबैग, स्पीड अलर्ट सिस्टम से संबंधित नियम
– रिवर्स पार्किंग में मदद और क्रैश मानकों से संबंधित नियम
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