राजस्थान के कई नेता अब तक कोरोना वाायरस की चपेट में आ चुके हैं. इसमें सरकार के मंत्री, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक सभी हैं. अभी हाल ही में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कोरोना की चपेट में आए हैं.
वह अस्पताल में भर्ती हैं. JEE और NEET परीक्षा के खिलाफ धरना देने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. प्रताप सिंह खाचरियावास ने बिना मास्क लगाए भाषण दिया था. उनकी इस लापरवाही का खामियाजा अन्य नेताओं को भी भुगतना पड़ा.
धरने के दौरान उनके बगल में बैठीं जयपुर की पूर्व मेयर और कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वालीं ज्योति खंडेलवाल भी कोरोना से संक्रमित हो गईं. इसके बाद जयपुर से आने वाले ही विधायक रफीक खान भी कोरोना की चपेट में आ गए. इन नेताओं के कोरोना की चपेट में आने के बाद अब सवाल उठने लगे हैं क्या राजस्थान में नेता कोरोना स्प्रेडर बन गए हैं.
बता दें कि जिस दिन रफीक खान कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल दिए थे, उस दिन वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिए भोज में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे. उसके अगले दिन वह राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन के स्वागत में जुट गए थे.
राजस्थान में नेताओं के कोरोना की चपेट में आने का सिलसिला यहीं नहीं थमा. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे के बर्खास्त किए गए मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह हरियाणा के मानेसर से लौटकर अपने इलाके में जुलूस निकाले थे. इसके बाद यह दोनों भी कोरोना पॉजिटिव हो गए.
राजस्थान से आने वाले तीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी भी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल भी कोरोना के चपेट में आ चुके हैं.
विधानसभा में बीजेपी के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी कोरोना से संक्रमित हैं. वो विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा भी लिए थे. विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले विधायक अनीता बघेल, अशोक लाहोटी, चंद्रभान सिंह आक्या और पब्बाराम विश्नोई, जुम्मा राम कुमावत और हमीर सिंह भायल, रामलाल जाट, अर्जुन लाल जीनगर को भी कोरोना हो चुका है. इनके अलावा जो सांसद, विधायक और मंत्री नहीं हैं वैसे अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा नेता संक्रमित हो चुके हैं.