विवादों से घिरे उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में फिर एक नया विवाद सामने आया है। दो अधिकारियों की रार शासन तक पहुंची तो शिकायत करने वाले कनिष्ठ सहायक मनोज कुमार को सस्पेंड कर दिया। निलंबित हुए मनोज पर अनुशासन हीतना और अभद्र टिप्पणी का आरोप लगाया गया है। खास बात यह है कि निलंबन का पत्र भी उन्हीं वरिष्ठ स्टाफ अफसर सुनील कुमार ने जारी किया जिन पर कनिष्ठ सहायक ने भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ अधिकारियो और शासन को पत्र भेजा था।
मालूम हो कि बीते दिनों होमगार्ड मुख्यालय में तैनात कनिष्ठ स्टाफ अफसर मनोज कुमार ने वरिष्ठ स्टाफ अफसर सुनील कुमार पर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार समेत कई अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों और शासन को शिकायती पत्र देकर जांच की मांग की थी। कनिष्ठ स्टाफ अफसर मनोज कुमार ने वरिष्ठ अधिकारी सुनील पर आरोप लगाता था कि वह उन पर अनियमित तरीके से भुगतान करने का दबाव बनाते हैं। विरोध करने पर वरिष्ठ अफसर सुनील उन्हें अपमानित करते हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार के कई अन्य आरोप लगाते हुए शासन को शिकायतीपत्र भेजा था। मनोज का आरोप है कि उन्होंने अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से भी मामले की पूर्व में शिकायत की थी पर उनके द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई। इस लिए उन्होंने शासन स्तर पर शिकायत की। इस विवाद में मंगलवार रात मनोज कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया गया। सुनील कुमार वरिष्ठ स्टाफ अफसर द्वारा जारी पत्र में कहा यह आधार बनाया गया कि मनोज कुमार ने होमगार्ड कमांडेंट जनरल के पदनाम का दुरुपयोग करते हुए नीता भारतीया जिला कमांडेंट होमगार्ड बागपत एवं उनके चिकित्सक पति के विरुद्ध अभद्र व शर्मनाक टिप्पणी की। इसके बाद मुख्यालय द्वारा तीन दिन के अंदर मनोज कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया। इस समयावधि में उन्होंने कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया। अकर्मण्यता, घोर अनुशासनहीनता के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबन किया गया है।
कनिष्ठ सहायक कहते हैं पुलिस?
होमगार्ड मुख्यालय कनिष्ठ सहायक मनोज कुमार के मुताबिक, वरिष्ठ अधिकारी सुनील कुमार ने विभाग के कई भ्रष्टाचार किए। वह मुझे प्रताड़ित करते हैं। इसकी शिकायत पहले विभागीय अधिकारियों से की थी। जब सुनवाई नहीं हुई तो मैनें शासन में की। पूरे मामले की जांच करने के बजाए मुझे साजिशन निलंबित किया गया है। मेरे ऊपर जो स्पष्टीकरण न देने का जो आरोप लगाया गया है उस संबंध में मैनें 17 अगस्त को आइजी और 24 अगस्त को जांच अधिकारी आरके चौरसिया के समक्ष अपना पक्ष रखा था।
क्या कहते हैं अफसर ?
वरिष्ठ स्टाफ अफसर होमगार्ड मुख्यालय सुनील कुमार ने बताया कि कनिष्ठ सहायक मनोज कुमार द्वारा मेरे ऊपर लगे सारे आरोप निराधार हैं। उसके कोई तथ्य और साक्ष्य नहीं हैं। प्रकरण में डीजी द्वारा एक जांच कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट आते ही सारी स्थितियां साफ हो जाएंगी। मनोज को एक महिला अधिकारी से अभद्रता करने के मामले में शासन के आदेश पर निलंबित किया गया है। उसकी जांच डीजी स्तर पर चल रही थी।
विवादों से घिरा रहा है विभाग
– प्रयागराज में भर्ती मामले में भ्रष्टाचार उजागर हुआ था।
– थानों में फर्जी ड्यूटी लाकर अधिकारियों के आर्थिक गबन का मामला।
– एनडीआरएफ से परिसर खाली कराने को लेकर विवाद का मामला।
– होमगार्डों को कम अरज और घटिया कपड़े की वर्दी बांटने के विवाद का मामला।