रवि प्रदोष व्रत रखने के 5 फायदे

एकादशी की तरह की वर्ष में 24 प्रदोष होते हैं। एकादशी या प्रदोष दोनों में से कोई सा भी एक व्रत रखना चाहिए। जो भी प्रदोष जिस वार को आता है उसका विशेष फल होता है। इस बार रविवार को प्रदोष आ रहा है। जानिए रविवार को प्रदोष का व्रत रखने के 5 फायदे।

1. रवि प्रदोष के दिन नियम पूर्वक व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और लंबी आयु प्राप्त होती है।
2. रवि प्रदोष का संबंध सीधा सूर्य से होता है। अत: चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहता है। इससे चंद्र और सूर्य अच्‍छा फल देने लगते हैं। फले ही वह कुंडली में नीच के होकर बैठे हों। सूर्य ग्रहों का राजा है। रवि प्रदोष रखने से सूर्य संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
3. यह प्रदोष सूर्य से संबंधित होने के कारण नाम, यश और सम्मान भी दिलाता है। अगर आपकी कुंडली में अपयश के योग हो तो यह प्रदोष करें।
4. पुराणों अनुसार जो व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है।
5. रवि प्रदोष, सोम प्रदोष व शनि प्रदोष के व्रत को पूर्ण करने से अतिशीघ्र कार्यसिद्धि होकर अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। सर्वकार्य सिद्धि हेतु शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई भी 11 अथवा एक वर्ष के समस्त त्रयोदशी के व्रत करता है तो उसकी समस्त मनोकामनाएं अवश्य और शीघ्रता से पूर्ण होती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com