समाजसेवी अन्ना हजारे को पत्र लिखने का दावा प्रदेश भाजपा को उलटा पड़ गया है। पिछले दिनों भाजपा ने अन्ना हजारे को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन में मंच साझा करने की बात कही थी। हजारे ने पत्र जारी कर न सिर्फ इंकार किया बल्कि साफ तौर पर कहा कि सभी पार्टियां एक जैसी हैं।
अन्ना हजारे ने पत्र लिखकर कहा कि वह किसी भी आंदोलन में फिर से दिल्ली नहीं आएंगे। यह भी कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता की तरफ किसी तरह का पत्र नहीं मिला है। मीडिया में छपी खबर से ही पता चला कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए कहा गया है। इस तरह से अन्ना ने पत्र में प्रदेश अध्यक्ष को सलाह देने वालों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि 24 अगस्त को जारी पत्र उन्हें नहीं मिला है। अफसोस जताते हुए अन्ना हजारे ने केंद्र से लेकर दिल्ली और पूरे देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी टिप्पणी की। खुद को फकीर बताया।
उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अधिक युवा सदस्य संख्या का दावा करने वाली पार्टी अन्ना हजारे जैसे फकीर को आंदोलन के लिए क्यों बुला रही है। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है। केन्द्र में आपकी सरकार है। दिल्ली सरकार के भी कई विषय केन्द्र सरकार के अंतर्गत हैं। सीबीआई व दिल्ली पुलिस केन्द्र सरकार के नियंत्रण में है।
उन्होंने सवाल किया कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार ने क्या कदम उठाया। अगर दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार किया है तो कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की। दो टूक कहा कि उनका मकसद है कि लोगों को भ्रष्टाचार से राहत मिले, लेकिन देश में मौजूदा समय में सत्ता से पैसा और पैसों से सत्ता के चक्र में सभी राजनीतिक पार्टियां जुटी हैं। ऐसे में दिल्ली आकर किसी आंदोलन में शामिल होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बाद में इस पत्र के जवाब में कहा कि भाजपा दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती रही है। इसी मकसद से अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के आंदोलन को और तेज करने की बात की गई थी।
अन्ना हजारे 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में शामिल हुए। इसी आंदोलन से आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ लेकिन आकंठ भ्रष्टाचार में डूब गई। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने का अनुरोध सभी से करते हैं।