कोरोना काल में रेलवे ने स्टेशनों पर बने रिजर्वेशन काउंटर (पीआरएस) से जुड़े सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। इसका प्रभाव स्टेशनों पर रिजर्वेशन के लिए आने वाले लोगों पर पड़ रहा है। नए प्रपत्र में यात्री को अपना पूरा पता, मकान नंबर, गली, कॉलोनी, तहसील का पूरा विवरण देना पड़ रहा है। एक जून से अनलॉक के बाद देशभर में 200 स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ है। लगातार संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारों ने ट्रेनों से आने वाले लोगों के गंतव्य से जुड़ा पूरा विवरण साझा करने के लिए कहा था।
इसके बाद रेलवे के पीएसयू सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया था। ऑफलाइन रिजर्वेशन चालू होने के बाद पीआरएस के सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किया गया। इसके चलते अब स्टेशनों पर रिजर्वेशन कराने के लिए आने वाले लोगों को अपने गंतव्य से जुड़ी पूरी जानकारी रेलवे को देनी होगी।
अब ये जानकारी देनी है
यात्रियों को रिजर्वेशन फॉर्म में वही मोबाइल नंबर देना होगा, जिसे लेकर वह यात्रा करेगा। इसके साथ उसे डेस्टिनेशन स्टेशन से जुड़ी जानकारी भी रिजर्वेशन क्लर्क को बतानी होगी। इसमें उसे मकान नंबर, गली, कॉलोनी, तहसील, जिला, शहर, राज्य और उस शहर में जाने की वजह बतानी होगी।