उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर हाई अलर्ट, डीजीपी ने गाइडलाइन जारी कर दिए कड़ी सुरक्षा के निर्देश

उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस बार अतरिक्त सुरक्षा और सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों के पुलिस कप्तान, रेलवे के एसपी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद से सोशल मीडिया पर जिस तरह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की लगातार साजिश की जा रही है, उसे देखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गाइडलाइन जारी की है। खासतौर से सभी संवेदनशील जिलों में खुफिया विभाग को हर एक गतिविधि पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने 14 अगस्त से ही प्रभावी चेकिंग के साथ ही सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए जाने की बात कही है।

उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर सभी पुलिस लाइन में ध्वजा रोहण के दौरान शारीरिक दूरी का पूरी सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। पुलिस को सभी संवेदनशील क्षेत्रों में पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सूबे की सीमाओं पर कड़ी नजर रखने के साथ ही शरारती तत्वों के विरुद्ध समय रहते प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तृत गाइडलाइन भी तैयार की गई है। सोशल मीडिया की निगरानी में साइबर क्राइम सेल को लगाया गया है। आपित्तजनक व भ्रामक संदेशों पर नजर रखने के साथ ही उनका खंडन किए जाने की बात भी कही गई है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा है कि सोशल मीडिया पर गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

स्वतंत्रता दिवस से पहले साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। सोशल मीडिया पर विभिन्न वर्चुअल नंबर से रिकार्डेड कॉल और आपित्तजनक वीडियो वायरल करने का क्रम जारी है। कई वीडियो वायरल कर माहौल बिगाड़ने की साजिश की जा रही है। वर्चुअल नंबर के जरिए वॉट्सएप ग्रुप बनाकर भी लगातार जहर उगला जा रहा है। बीते चार दिनों से जहर उगला जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र व अन्य स्थानों पर भी आपित्तजनक ऑडिया व वीडियो वासरल किए जा रहे हैं। आइबी समेत अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी लगातार सक्रिय हैं। हालांकि अब तक खुफिया एजेंसियां व पुलिस शरारती तत्वों तक पहुंचने में नाकाम हैं।

डुमरियागंज विधायक के फोन पर मिली धमकी : सिद्धार्थनगर जिले में डुमरियागंज विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह के मोबाइल नंबर पर फोन करके अज्ञात व्यक्ति ने धमकी दी है कि वह प्रधानमंत्री को झंडारोहण नहीं करने देगा। विधायक ने सिद्धार्थनगर व गोरखपुर एसपी को टेलीफोन से सूचना देते हुए गोरखनाथ व डुमरियागंज थाने में लिखित तहरीर दी है। तहरीर में विधायक ने कहा है कि नौ अगस्त को उनके मोबाइल नंबर पर + 13617380257 से फोन आया। उठाने पर रिकार्डेड कॉल प्रतीत हुआ। फोन से कहा गया कि वह प्रधानमंत्री को 15 अगस्त के दिन झंडा नहीं फहराने देगा। मंगलवार को भी उसी कोड से फोन आया, जिसे विधायक ने रिसीव नहीं किया और काट दिया। विधायक ने फोन कॉल को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर व गोरखपुर को अवगत कराया। 12 जुलाई को उन्होंने गोरखनाथ व डुमरियागंज थाने में तहरीर देकर वैद्यानिक कार्रवाई करने की मांग की है। डुमरियागंज कोतवाल केडी सिंह ने बताया कि पहले गोरखनाथ थाने में तहरीर दी गई है। हम गोरखनाथ पुलिस के संपर्क में हैं। मुकदमा वहीं दर्ज होगा जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

खुफिया एजेंसियों के लिए चुनौती बने वर्चुअल नंबर :  उत्तर प्रदेश में इससे पहले विधायकों को भी ऐसे ही वर्चुअल नंबर के जरिए वॉट्सएप पर धमकी भरे संदेश भेजे गए थे। तब जांच में सामने आया था कि पाकिस्तान से धमकी भरे संदेश भेजे जा रहे हैं, लेकिन पुलिस व जांच एजेंसियां कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी थीं। एक बार फिर यही आशंका है कि राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश सीमा पार से की जा रही है। जिस तरह वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे पुलिस व जांच एजेंसियों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। हालांकि सूबे के सभी संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर वायरल संदेशों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। दूसरी ओर सोशल मीडिया पर आपित्तजनक संदेश वायरल करने के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) व सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) समेत कुछ अन्य संगठनों की भूमिका की भी लगातार जांच चल रही है। कई संदिग्ध पुलिस व एटीएस के रडार पर हैं।

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