मध्यप्रदेश और पंजाब बासमती चावल के जीआई टैगिंग पर आए आमने-सामने

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने मध्य भारत के राज्यों को बासमती चावल की ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैगिंग की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है.

शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह जारी एक ट्वीट में कहा, “बासमती चावल के जीआई टैगिंग के संबंध में पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र की मैं निंदा करता हूं और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं.”

बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने 5 अगस्त को एक चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि वे मध्यप्रदेश में उगाए जाने वाले बासमती चावल के जीआई टैगिंग की इजाजत न दें क्योंकि वहां पहले से जीआई टैगिंग चलती आ रही है.

अमरिंदर सिंह ने कहा था कि अन्य राज्यों की भलाई के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी चिट्ठी में कहा था कि देश हर साल लगभग 33000 करोड़ रुपये का बासमती चावल का निर्यात करता है. उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश से बासमती चावल के जीआई टैगिंग से पाकिस्तान को फायदा हो सकता है जो इसी तरह के टैगिंग के तहत चावल का उत्पादन भी करता है.

देश के कई राज्य हैं जिन्हें गुड्स रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्शन 1991 के तहत बासमती चावल के जीआई टैगिंग की इजाजत मिली है. इन राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश जम्मू-कश्मीर के कुछ जिले शामिल हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपनी चिट्ठी में मध्यप्रदेश का नाम लिया है, इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, मैं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर से यह पूछना चाहता हूं कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बंधुओं से क्या दुश्मनी है? यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा, मध्यप्रदेश को मिलने वाले GI टैगिंग से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. मध्यप्रदेश के 13 जिलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है, इसका लिखित इतिहास भी है.

शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं. भारत सरकार के निर्यात के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं. भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है.

अमरिंदर सिंह ने मध्यप्रदेश के बासमती चावल की जीआई टैगिंग से पाकिस्तान को फायदा मिलने की बात कही है. इस पर शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा, पाकिस्तान के साथ APEDA के मामले का मध्यप्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह भारत के GI Act के तहत आता है और इसका बासमती चावल के अंतर्देशीय दावों से इसका कोई जुड़ाव नहीं है.

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