Newly-elected President of the Board of Control for Cricket in India (BCCI) Sourav Ganguly speaks with Secretary Jay Shah during a press conference after taking charge in Mumbai, India, Wednesday, Oct. 23, 2019. (AP Photo/Rajanish Kakade)

कूलिंग ऑफ : BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह पर होगी आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की अपने संविधान में संशोधन करने तथा अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को अनिवार्य विराम अवधि (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाने के बजाय अपने पद पर बने रहने को लेकर दायर की गई याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार राज्य संघ या बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल की विराम अवधि पर जाना अनिवार्य है. गांगुली और शाह ने पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभाला था और तब उनके राज्य और राष्ट्रीय इकाई में छह साल के कार्यकाल में केवल नौ महीने बचे थे.

गांगुली के छह साल इस महीने के आाखिर में पूरे होंगे, जबकि माना जा रहा है कि शाह ने कार्यकाल पूरा कर लिया है. बीसीसीआई ने 21 अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर शाह और गांगुली के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की थी.

अनिवार्य प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की जरूरत है. बोर्ड चाहता है कि इन दोनों का कार्यकाल 2025 तक बढ़ जाए. सौरव गांगुली और जय शाह बोर्ड में बेहतर काम कर रहे हैं.

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) स्पॉट फिक्सिंग के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने कहा कि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की विराम अवधि को हटाने के मसले पर जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आएगा तो उनका वकील इसका विरोध नहीं करेगा.

बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के सचिव वर्मा 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले के मूल याचिकाकर्ता हैं. इसी के बाद उच्चतम न्यायालय ने लोढ़ा पैनल का गठन किया जिसकी सिफारिशों पर दुनिया के सबसे धनी बोर्ड के संविधान में आमूलचूल सुधार किए गए.

उधर, वर्मा ने कहा कि बोर्ड में स्थायित्व के लिए गांगुली और शाह का बने रहना जरूरी है. वर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘मैं शुरू से कहता रहा हूं कि सौरव गांगुली बीसीसीआई की अगुवाई करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. मेरा मानना है कि बीसीसीआई में स्थायित्व के लिए दादा और जय शाह का पूरे कार्यकाल तक बने रहना जरूरी है.’

उन्होंने कहा, ‘अगर दादा बीसीसीआई अध्यक्ष पद बने रहते हैं तो मैं सीएबी की तरफ से उनका विरोध नहीं करूंगा. इन नौ महीनों से चार महीने पहले ही कोरोना वायरस के कारण गंवा दिए गए हैं तथा किसी भी प्रशासक को अपनी योजनाओं और नीतियों को लागू करने के समय चाहिए होता है.’

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com