देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और आईसीएमआर ने संयुक्त प्रेस वार्ता की।
इस दौरान देश में कोरोना की स्थिति पर प्रकाश डाला गया और कोरोना जांच संबंधी जानकारियां दी गईं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस नियंत्रण की स्थिति काफी बेहतर है।
देश में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना मामलों की संख्या 657 हैं। हम दुनिया के उन देशों में से हैं जिनमें प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सबसे कम हैं।
भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या 17.2 है जबकि कई अन्य देशों में यह भारत की तुलना में 35 गुना तक ज्यादा है।
देश में कोरोना के कुल मामलों का 86 फीसदी हिस्सा 10 राज्यों में है। इनमें से दो राज्यों- महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 50 फीसदी से ज्यादा मामले हैं। अन्य आठ राज्यों में 36 फीसदी मामले हैं।
देश में सक्रिय मामलों की तुलना में 1.8 गुना ज्यादा लोग ठीक हुए हैं। भारत में मई में रिकवरी रेट लगभग 26 फीसदी था। मई के अंत तक यह लगभग 48 फीसदी हो गया और जुलाई आने तक यह लगभग 63 फीसदी हो गया है।
देश में 1206 लैब में सैंपल की जांच की जा रही है। कंटेनमेंट जोन में जांच बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे जोन में घर-घर जाकर सक्रिय मामलों की जांच की जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में रिकवरी रेट 64 फीसदी है। ओडिशा में यह 67 फीसदी, असम में 65 फीसदी, गुजरात में 70 फीसदी और तमिलनाडु में कोरोना से ठीक होने की दर 65 फीसदी है।
मार्च में कोरोना के मामलों की प्रतिदिन बढ़ने की गति लगभग 31 फीसदी थी, मई में यह दर नौ फीसदी हो गई थी। मई के अंत तक यह दर पांच फीसदी पर आ गई थी। 12 जुलाई के आंकड़ों के अनुसार यह दर 3.24 फीसदी है।