गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार को मध्यप्रदेश पुलिस ने उज्जैन महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया और फिर थाने ले आए। महाकाल थाने में पदस्थ कांस्टेबल विजय राठौर ने बताया, ‘जब हम उसे थाने लाए तो वह बहुत गुस्से में था।

कहने लगा कि अगर मैं उत्तर प्रदेश में होता तो तुम्हारे घरों में आग लगवा देता। तुम्हारे हाथ-पैर कटवा देता। तुम्हें बर्बाद कर देता। मैंने उसे हथकड़ी लगाई थी इसलिए मुझसे ज्यादा गुस्सा था।
जब उसे गाडी़ में बैठाने के लिए ले जा रहे थे तो उसने अपशब्द कहने शुरू कर दिए। मुझे गुस्सा आया तो उसे थप्पड़ लगा दिया।’
गैंगस्टर को गुरुवार को मंदिर से गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों में विजय भी शामिल थे। महाकाल थाने के पुलिसकर्मियों को जब दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की खबर मिली तो सभी चौंक गए।
24 घंटे पहले उन्होंने जिस वांछित अपराधी को गिरफ्तार किया था उसे ढेर कर दिया गया है। पुलिसकर्मियों के अनुसार गिरफ्तार होने के बाद दुबे बार-बार धमकियां और अनाप-शनाप बातें कर रहा था।पुलिस के आलाधिकारियों ने जब उससे पूछताछ शुरू की तो वह चुप हो गया था।
उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद से ही गैंगस्टर को हथकड़ी लगाई थी। इस दौरान उसने एक पुलिसकर्मी से कहा था कि उसने आजतक हथकड़ी नहीं पहनी है। हालांकि मुठभेड़ के बाद भी पुलिस अधिकारी दुबे की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी देने से बचते रहे।
कांस्टेबल विजय ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि उन्होंने दुबे को हथकड़ी लगाई थी। अखबारों में मेरी फोटो छपी है।
मुझे टीवी चैनलों में दिखाया गया है। हो सकता है कि दुबे का कोई साथी यहां हो। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दुबे बिट्टू-बिट्टू बोल रहा था।
लगता है कि उसके साथ कोई और भी था। मैं डरा हुआ हूं। मेरे परिवार को खतरा है। मैं वरिष्ठ अधिकारियों से अनुरोध करता हूं कि मेरी सुरक्षा के लिए कुछ समय के लिए मुझे हथियार दिए जाएं।
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