पिछले हफ्ते से कर्नाटक Covid-19 केसों में एक असामान्य बढ़ोतरी देख रहा है. इस तथ्य पर गौर करते हुए कि कर्नाटक बड़ा शहरीकृत राज्य है और दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में लोग यहां लौटे हैं, यहां केसों की संख्या में वृद्धि अपेक्षित थी. लेकिन क्या राज्य ने महामारी पर जैसे पहले स्थिति काबू में रखी, वैसे वो अब भी कर सकता है क्या?
कर्नाटक में अब Covid-19 के 18,000 से अधिक पुष्ट केस हैं. 28 जून से 2 जुलाई के बीच, यहां हर दिन 1,000 से अधिक नए केस दर्ज हुए. गुरुवार को, यह संख्या 1,500 से अधिक हो गई. एक दिन में यह वृद्धि तीन सर्वाधिक प्रभावित राज्यों- महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा थी.
कर्नाटक में किसी भी और राज्य की तुलना में केस दोगुने होने में कम समय लग रहा है. कर्नाटक में नौ दिनों से भी कम समय में केस दोगुने हो रहे हैं जबकि राष्ट्रीय औसत करीब 20 दिन का है.
जो राज्य अधिक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए खुद की पीठ ठोकता था उसके लिए यह एक चिंताजनक संकेत है. ये इसलिए है क्योंकि जब केस तेजी से बढ़ते हैं, तो कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग आमतौर पर पीछे रह जाती है.
अप्रैल के अंत तक, कर्नाटक ने देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में हर पुष्ट केस पर सबसे ज्यादा कॉन्टेक्ट्स की पहचान की थी.
लेकिन जून के 30 दिनों में, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में औसतन हर 10 पुष्ट केसों पर सिर्फ एक प्राथमिक कॉन्टेक्ट का पता लगाया जा सका.
इसके अलावा, कर्नाटक अब तक अधिकतर केसों के लिए ट्रांसमिशन के स्रोत का पता लगाने में सक्षम रहा था. ये पाया गया था कि अधिकतर केस घरेलू यात्रा की वजह से सामने आए थे. अब ये स्थिति बदल रही है.
डेटा उपलब्ध होने के आखिरी दिन यानि 28 जून को जो 1,267 केस सामने आए उनमें से 192 में कॉन्टेक्ट ट्रेस एक पुष्ट के लिए किया जा सका.
साथ ही हॉटस्पॉट राज्यों से आने वाले यात्रियों में से 100 के साथ भी ऐसा हुआ. अधिकतर केसों यानि 837 में या तो पहचान नहीं की जा सकी या शुक्रवार तक उनका खुलासा नहीं हुआ.
गुरुवार, 2 जुलाई, को बेंगलुरु में देश के शहरों में सातवें नंबर पर सबसे ज्यादा नए केस (करीब 900) रिपोर्ट हुए. शहर में शांतला नगर, सिंगासांद्रा और जयानगर में सबसे ज्यादा नए केस सामने आए. अगर कुल केसों की संख्या को देखा जाए तो बेंगलुरु में पडारायनापुरा , विश्वेश्वरपुरम और धर्मारया स्वामी नगर इलाकों में सबसे ज्यादा केस हैं.
बेंगलुरु में कुल केसों की संख्या करीब 6,200 है. बीते हफ्ते शहर के आंकड़े काफी कम थे, लेकिन लगता है कि तब रिपोर्टिंग में कोई त्रुटि हुई .
म्युनिसिपल कमिश्नर अनिल कुमार ने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से स्थापित किए गए Covid-19 वॉर रूम ने बिना रिपोर्ट हुए पॉजिटिव केसों को इंगित किया, जिसके बाद कॉर्पोरेशन ने उन्हें बांट कर 27 से 30 जून के आंकड़ों में जोड़ा.
कुल मिलाकर, केवल चार दिनों में 1,200 से अधिक पुराने केस जोड़े गए. कमिश्नर ने केसों में हालिया बढ़ोतरी को लॉकडाउन की बंदिशों में ढील दिए जाने से जोड़ा है.
कर्नाटक की टेस्ट पॉजिटिविटी दर नीचे स्तर पर बनी हुई है. हालांकि, केस बढ़ने के साथ राज्य को अपनी आबादी के हिसाब से टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है, जिससे पॉजिटिविटी दर को बढ़ने से रोका जा सके.
अपनी आबादी के अनुपात में कर्नाटक अन्य कई राज्यों से कम टेस्टिंग कर रहा है. वर्तमान में, कर्नाटक में टेस्ट पॉजिटिविटी दर 2.76 प्रतिशत है.
इसने 6.5 लाख से अधिक टेस्ट किए हैं. यह हर दस लाख की आबादी पर 10,000 से कम टेस्ट का आंकड़ा बैठता है.