धार्मिक आस्था के नजरिए से श्रावण का महीना बेहद पावन होता है। यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। इसी महीने नाग पंचमी का पर्व भी आता है।
नाग पंचमी का त्योहार नाग देवता को समर्पित है। इस दिन नाग देव की पूजा की जाती है। व्रत रखा जाता है। भोलेनाथ के गले में भी नाग देवता वासुकि लिपटें रहते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार नाग पंचमी के दिन खास संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं इस साल नाग पंचमी कब पड़ रही है।
हर साल नाग पंचमी पर्व सावन माह के शुक्ल की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 25 जुलाई को पड़ रही है।
इसलिए नाग पंचमी का पर्व 25 जुलाई को शनिवार के दिन मनाया जाएगा। खास संयोग की बात करें तो, इस नाग पंचमी में मंगल वृश्चिक लग्न में होंगे। इसी दिन कल्कि भगवान की जयंती भी है और विनायक चतुर्थी व्रत का पारण भी है
नाग पंचमी पर आठ नाग देवताओं की पूजा का विधान है। इनमें वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनंजय नामक अष्टनाग आते हैं।
इनकी पूजा से भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है। भविष्योत्तर पुराण में इस संबंध में एक श्लोक लिखा है। जो इस प्रकार है –
वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः।
ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥
एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् ॥
धन-समृद्धि पाने के लिए भी नाग देवताओं की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि नाग देवता, धन की देवी मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।