प्याज आंखों में आंसू ही लाता है। महंगा हो जाए तो खरीदार की और सस्ता हो जाए तो किसानों को बहुत रुलाता है।

कोरोना वायरस की वजह से देश भर में जारी लॉकडाउन के चलते इस बार किसानों को प्याज के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, लिहाजा किसानों के लिए प्याज की कीमत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
वहीं, उन्हें महाराष्ट्र में नासिक की मंडियों से देश के अलग-अलग हिस्सों तक नहीं पहुंचने की वजह से वह 30 से 35 रुपए किलो तक बिक रहा है, जबकि किसानों को 5-6 रुपए प्रति किलो का भाव भी नहीं मिल रहा है।
कुछ दिनों पहले तक प्याज 150 रुपये किलो तक बिक रहा था। अब नासिक की मंडी में चारों तरफ प्याज के ढेर लगे हुए है और 500-600 रुपए क्विंटल में भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं, जबकि एक क्विंटल प्याज उगाने का खर्च एक हजार रुपए से 1200 रुपए के बीच है।
ऐसे में किसानों को मंडी तक प्याज पहुंचाने के लिए भी अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। किसानों के सामने अब भूखे मरने की स्थिति आ खड़ी हुई है, जबकि इस बार प्याज की जबरदस्त पैदावार देखकर किसानों को उम्मीद थी कि वे अच्छी रकम जुटा सकेंगे।
मगर, लॉकडाउन चलते होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, शादी-ब्याह सब बंद हो गए हैं, जहां प्याज की सबसे ज्यादा खपत होती थी। लिहाजा, मंडियों में ही प्याज सड़ने लगा है।
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