कोरोना वायरस के चलते देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन है । यातायात के साधन,होटल और दुकानें सब बंद है। मार्च के तीसरे सप्ताह में होने वाले शादी समारोह की तारीख आगे बढ़ा दी गई है । लेकिन रविवार रात जोधपुर में एक शादी हुई,जिसमें दूल्हे और दुल्हन सहित मात्र 5 लोग शामिल हुए । इसमें सभी ने मुंह पर मास्क लगाने के साथ ही हाथों में दस्ताने पहन रखे थे।
शादी में दूल्हा सिर्फ दो बाराती लेकर पहुंचा। वधु पक्ष के तीन लोगों मौजूदगी में यह शादी हुई। हालांकि दुल्हन की विदाई रोक दी गई। लॉकडाउन खत्म होने के बाद गाजे-बाजे के साथ दुल्हन की विदाई होगी। जोधपुर में कब्रिस्तान इलाके में रहने वाले लिखमाराम भादू की तीन बेटियों की शादी 29 मार्च को होनी थी। इस बीच कोरोना के कारण बिगड़ने हालात काबू करने के लिए देश में लॉकडाउन कर दिया गया।
ऐसे में लिखमाराम ने अपनी तीनों बेटियों की शादी टालने के लिए वर पक्ष से बात की। दो लड़के वाले तो तैयार हो गए, लेकिन एक तैयार नहीं हुए। कारण था सामाजिक मान्यता। दरअसल, लिखमाराम की तीसरी बेटी संतोष की शादी जियाराम से होनी थी। यहां लड़का पक्ष के परिवार में दूल्हे के घी पिला की रस्में शुरू कर दी गई थी। दूल्हे को शादी से पूर्व घी पिलाना पश्चिमी राजस्थान का एक स्थानीय रिवाज है। सामाजिक मान्यता के अनुसार घी पिला की रस्म शुरू होने के बाद विवाह टाला नहीं जा सकता है। इस पर सभी ने तय किया कि एक बेटी संतोष की शादी पूर्व निर्धारित तिथि को होगी। इस पर बगैर किसी धूम धड़ाके के दूल्हे के साथ दो बाराती रविवार शाम एक कार में सवार होकर पहुंचे। सादगी के साथ दोनों के विवाह की रस्में पूर्ण की गई। बाद में आपसी सहमति से तय हुआ कि दुल्हन की विदाई बाद में उसकी दो अन्य बहनों की शादी के समय एक साथ की जाएगी। ऐसे में दुल्हन को साथ लिए बगैर दूल्हा अकेला ही देर रात वापस लौट गया।
विवाह स्थल और टैंट नहीं मिलेगा किराए पर
कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना को देखते हुए राजस्थान टेंट डीलर्स एसोसिएशन ने तय किया है कि 15 अप्रैल तक कोई भी विवाह स्थल अथवा टेंट शादी के लिए नहीं दिया जाएगा । एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमराज गुप्ता ने बताया कि सामाजिक सरोकार और सरकारी नियमों का पालन करते हुए यह निर्णय लिया है । कुछ लोगों ने खुद ही बुकिंग निरस्त करा ली और कुछ को सूचना देकर हम लोगों ने निरस्त कर दी ।