दुनियाभर के शेयर बाजारों पर कोरोना वायरस का खौफ जारी है। अमेरिकी, जापानी और भारतीय शेयर बाजारों में हाहाकार मचा है। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुले, लेकिन जैसे ही खबर आई कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है, सेंसेक्स की गिरावट 2100 अंक पहुंच गई।
यह पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट रही। दिन में 1.00 बजे सेंसेक्स 2105 अंकों की गिरावट के साथ 35,511 पर रहा। वहीं निफ्टी में 565 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 10,403 पर रहा। इसके चंद मिनट बाद यानी 1.32 बजे शेयर बाजार 2450 अंक गिर गया। यह 10 साल की सबसे बड़ी गिरावट रही।
इससे पहले 9.22 बजे सेंसेक्स 1146 अंकों की गिरावट के साथ 36,432 पर रहा, जबकि निफ्टी में 318 अंकों की कमी रही और यहां 10,671 पर ट्रेडिंग हुई। खास बात यह रही कि शुक्रवार को बुरी तरह गिरने वाले यस बैंक का शेयर आज 19 फीसदी मजबूत के साथ खुला। 9.54 बजे यह गिरावट बढ़कर 1500 अंक हो गई।
इससे पहले जापान का शेयर बाजार निक्की 5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुई है। शुक्रवार को भारत के प्रमुख शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 893.99 अंक टूटकर 37,576.62 पर बंद हुआ था।
इंट्रा-डे के दौरान इसमें 1,459 अंकों की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 279.55 अंक लुढ़ककर 11 हजार से नीचे आ गया था। कारोबार समाप्ति की घंटी बजने के समय यह 10,989.45 के स्तर पर था।
शुक्रवार को भारत के प्रमुख शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट के चलते निवेशकों को करीब 3.28 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति गंवानी पड़ी। इस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,28,684.5 करोड़ रुपए खिसक गया।
कारोबारी सत्र की शुरूआत में सेंसेक्स 1,400 अंक से अधिक लुढ़क गया। हालांकि बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ। यस बैंक के संकट का असर पूरे वित्तीय सेक्टर पर देखने को मिला।
इस दौरान यस बैंक के बाद आरबीएल बैंक के शेयरों में सबसे ज्यादा 14 परसेंट गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही एसबीआई, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए। सबसे बड़े एम-कैप वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी तीन परसेंट गिरावट के साथ बंद हुए।