कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज की सुविधाओं में विस्तार के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय ने एम्स को भी आइसोलेशन वार्ड शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत ट्रॉमा सेंटर के न्यू इमरजेंसी में आइसोलेशन वार्ड में 20 बेड की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके अलावा एम्स को झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) में भी 125 बेड की व्यवस्था करने की बात कही गई है। ताकि संदिग्ध मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने पर मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की रोकथाम और इलाज की तैयारियों की समीक्षा की थी। इसके बाद मंत्रालय ने एम्स को भी तैयार रहने व आइसोलेशन वार्ड शुरू करने का निर्देश दिया है। दिल्ली में कोरोना के चार मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें से एक मरीज का सैंपल दोबारा जांच के लिए पुणो भेजा गया है।
स्वास्थ्य विभाग के सर्विलांस में यह बात समाने आई है कि दिल्ली के शुरुआती तीन मरीजों के संपर्क में 337 लोग आए हैं। इसमें से ज्यादातर लोग घर में ही आइसोलेट किए गए हैं। जिनमें संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है।
इसके मद्देनजर मंत्रालय ने एम्स को एनसीआइ के आइसोलेशन वार्ड में बेड की संख्या 25 से बढ़ाकर 125 बेड तैयार रखने का निर्देश दिया है। इसका मकसद यह है कि दिल्ली एनसीआर में मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्हें इलाज के लिए एनसीआइ में भर्ती कर आइसोलेट किया जा सकेगा। वैसे एम्स ने भी अपनी तरफ से तैयारी कर रखी है।
ट्रामा सेंटर से मास्क गायब!
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण एक ओर मास्क की मांग बढ़ गई है। इस वजह से बाजार में मास्क की उपलब्धता कम हो गई है। दूसरी ओर एम्स ट्रॉमा सेंटर से करीब एक हजार मास्क गायब होने का मामला सामने आया है। संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ही यह आरोप लगाया है। साथ ही डॉक्टरों ने एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं कराने पर हड़ताल करने की बात कही है। हालांकि प्रशासन ने इसे गलत बताया है।
ट्रॉमा सेंटर के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित लठवाल ने कहा कि ऐसी शिकायत मिली थी। लेकिन, जांच में मास्क गायब होने या चोरी होने की बात साबित नहीं हुई। यह किसी ने अफवाह फैलाई है। संस्थान में पर्याप्त संख्या में सर्जिकल मास्क व एन-95 मास्क उपलब्ध हैं।
बहरहाल, रेजिडेंट डॉक्टरों का यह आरोप है कि शनिवार रात को ऑपरेशन थियेटर (ओटी) थियेटर कांप्लेक्स में रखे करीब एक हजार मास्क गायब कर दिए गए। वहीं रेजिडेंट डॉक्टरों व कर्मचारियों को एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जबकि सफदरजंग अस्पताल में जहां कोरोना के मरीजों का इलाज हो रहा है वहां से एम्स ट्रॉमा सेंटर थोड़ी ही दूरी पर है।