मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पेंशनर्स को राहत प्रदान करते हुए राज्य शासन को जोर का झटका दिया। इसी के साथ राज्य के 4 लाख पेंशनर्स को 6 वें वेतनमान का 32 माह का एरियर्स मिलने का रास्ता साफ हो गया। न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता पेंशनर्स एसोसिएशन ऑफ मध्यप्रदेश की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी अग्रवाल, अधिवक्ता संजय अग्रवाल, अनुराग शिवहरे व रामकांति श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। जबकि राज्य की ओर से शासकीय अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा खड़े हुए। राज्य की ओर से मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को 1 जनवरी 2006 से 31 मार्च 2008 तक 31 माह का एरियर्स न दिए जाने के संबंध में एक के बाद एक कई दलीलें दी गईं।
जिनके विरोध में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने साफ किया कि 6 वें वेतनमान का एरियर्स मिलना पेंशनर्स का हक है। राज्य को यह हक छीनने का रवैया शोभा नहीं देता। 2016 से पेंशनर्स हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य शासन द्वारा राज्य के कर्मचारियों को 6 वें वेतनमान का संपूर्ण लाभ किश्तों के रूप में दिया गया। लेकिन राज्य के 4 लाख पेंशनर्स को 1 अप्रेल 2008 से भुगतान किए जाने के आदेश के बावजूद पालन नहीं किया गया। पेंशनर्स की ओर से राज्य शासन से बार-बार अनुरोध किया गया परंतु निवेदन स्वीकार नहीं किया गया। लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पेंशनर्स के हित में समय-समय पर सुनाए गए आदेशों की रोशनी में राज्य के तर्क अमान्य किए जाने योग्य हैं।
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