दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल होने के आरोपी ताहिर हुसैन की लाइसेंसी पिस्टल और 24 कारतूस पुलिस ने जब्त कर लिए हैं. पुलिस ने खुलासा किया है कि हिंसा के दौरान ताहिर के पास ये पिस्टल घर पर थी. बाद में ये पिस्टल किसी जानने वाले के पास रखी थी.
पुलिस ने कहा कि पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, जिससे पता चल सके कि इस पिस्टल से कोई फायर हुआ था या नहीं. वहीं, ताहिर हुसैन का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है.
बता दें कि ताहिर हुसैन को अभी पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि मुस्तफाबाद में चार लोगों ने ताहिर हुसैन की मदद की थी. सूत्रों के मुताबिक, जब गिरफ्तारी के लिए छापेमारी होने लगी तो ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद से निकले और जाकिर नगर में अपने किसी जानकर के यहां रहे.
क्राइम ब्रांच की राडार पर अब ये चारों लोग हैं, जिन्होंने ताहिर हुसैन की मदद की थी. सूत्रों की मानें तो इन चारों लोगों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.
ताहिर हुसैन के कॉल रिकॉर्ड में पता चला कि वह 24 से 27 फरवरी तक मुस्तफाबाद के पास ही थे. चांद बाग भी मुस्तफाबाद में पड़ता है. ताहिर का दावा है कि हिंसा के दौरान और बाद में वो अपनी बिल्डिंग या बिल्डिंग के आसपास की गलियों और इलाकों में रहे. 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन दिल्ली के जाकिर नगर में मिली थी, उसके बाद उसका फोन बंद हो गया था.
वहीं, दिल्ली पुलिस SIT की टीम चांद बाग में उस जगह पहुंची जहां पर हिंसा शुरू होने से पहले तकरीबन 45 दिनों से CAA और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था.
इस प्रदर्शन में शामिल लोगों और महिलाओं ने डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा, एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार, हेड कांस्टेबल रतनलाल और पाखी पुलिसकर्मियों के ऊपर पत्थर और डंडों से हमला किया था.
इसके अलावा SIT की टीम ठीक उस जगह पहुंची जहां रतन लाल पर हमला हुआ था और उनकी हत्या हुई थी. SIT ने मौके से कई सबूत जुटाए, साथ ही आसपास के सीसीटीवी के जरिये भी सबूत जुटाने की कोशिश की.