बिहार में एक बार फिर मौसम बदलने वाला है, अगले 72 घंटे के भीतर बारिश, ओलावृष्टि के साथ ही वज्रपात होने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पांच से सात मार्च तक बिहार में मौसम का मिजाज बदला रहेगा। खासकर, दक्षिणी बिहार के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि और वज्रपात की संभावना ज्यादा है, जबकि उत्तर बिहार में बारिश के ज्यादा आसार हैं।
इससे पहले फरवरी में प्रदेश में कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि हुई थी और साथ ही वज्रपात की भी घटनाएं हुईं थीं, जिससे रबी फसलों को काफी नुकसान हुअा था। एक बार फिर मौसम विभाग की तरफ से बुधवार को जारी आधिकारिक रिपोर्ट में पूरे बिहार में मौसम खराब होने का अनुमान है।
बता दें कि बिहार में पश्चिमी विक्षोभ 10वीं बार सक्रिय हो रहा है, जो पिछले 20 वर्षों में कभी नहीं हुआ। खासतौर पर फरवरी-मार्च में इसकी सक्रियता को लेकर मौसम विज्ञानी भी आश्चर्यचकित हैं। बिहार में एक साथ पश्चिमी और पुरवैया हवा चल रही है जिससे गुरुवार की शाम से शनिवार तक अच्छी-खासी ओलावृष्टि होने के आसार हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक दोनों विपरीत दिशाओं में उठने वाली तेज हवाओं के कारण पूरा बिहार चक्रवाती जोन में तब्दील हो जायेगा। हालांकि, मौसम विज्ञान विभाग और प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्रों की मदद से किसानों को सतर्क रहने के साथ ही सिंचाई स्थगित करने और फसलों की कटाई में खासतौर पर सतर्कता बरतने को कहा है।
वहीं, प्रदेश में अगले दो-तीन दिनों में अधिकतम तापमान गिरने की आशंका जतायी गई है। रात के तापमान में कोई खास बदलाव होने की आशंका नहीं है। इस बीच पटना, गया, भागलपुर और पूर्णिया जैसे मुख्य शहरों का अधिकतम तापमान 29-30.5 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री से 18.8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। इसे इस मौसम का सामान्य तापमान कहा जा रहा है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा-
पछुआ और पुरवैया हवा के टकराव और पश्चिमी विक्षोभ के असर से प्रदेश के कुछ स्थानों पर बारिश, ठनका और विशेषकर ओलावृष्टि की आशंका है।
आनंद शंकर, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी