केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री तथा पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि नागिरकता संशोधन कानून (सीएए) में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी को इसका विरोध करना पड़े बल्कि इसका विरोध करके विपक्षी नेता और दल स्तर पर देश की छवि को खराब करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. वीके सिंह रविवार को बरवाला में महर्षि दधीचि परमार्थ ट्रस्ट द्वारा नवस्थापित फिजियोथेरेपी एवं योग केंद्र का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कुछ पढ़े-लिखे लोग भी अनपढ़ों की भांति विपक्षी दलों और राष्ट्रविरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं।
ऐसे लोग बेवजह धरना प्रदर्शन कर और सार्वजनिक रास्तों को रोककर बेवकूफों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। राष्ट्र विरोधी ताकतों ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जो भ्रम फैलाया है, उसे निकालकर फेंक देना चाहिए। इस कानून से किसी के साथ भी कोई नाइंसाफी नही होगी, क्योंकि यह कानून नागरिकता देने का कानून है न कि किसी की नागरिकता छीनने का कानून।
जनरल वीके सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर जब विपक्षी दलों की पोल खुलने लगी तो उन्होंने एनपीआर पर भी भ्रम फैलाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया देश में पहले से चालू है। जनगणना के अनुसार प्रत्येक 10 साल बाद देश के नागरिकों की संपूर्ण जानकारी लेना मात्र ही एनपीआर का काम है।
लगभग 10 साल पहले पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने एनपीआर के तहत देश की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पहचान पत्र दिया था, तब इस बात को लेकर किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। एनपीआर को लेकर कार्य करने वाली कांग्रेस अब मौकापरस्त राजनीति के तहत इसका विरोध करने में लगी है। कांग्रेस पार्टी विश्व पटल पर भारत की छवि को खराब करने के नित नए प्रयास कर रही है।
इसी प्रकार से एनआरसी सिर्फ असम में लागू हुआ है, वो भी माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों से लागू किया गया है, बाकी जगह तो इसे लागू करने के लिए अब तक कोई मानक ही तय नहीं हुए हैं।