प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली से उड़ान भरी। वह 10.30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचे। पीएम मोदी पहुंचे प्रयागराज, सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी हेलीकॉप्टर से परेड मैदान पहुंचे। पीएम मोदी प्रयागराज में खास 300 दिव्यांगों और वृद्धजनों के बीच है। एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी परेड मैदान में हेलिकॉप्टर के बेड़े के साथ पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस दिव्यांगजन को उपकरण प्रदान करने के बाद उनको संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि संगमनगरी में आने के बाद असीम ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि आज मेरे भाइयों और बहनों, तीर्थराज प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का अहसास होता है।
पिछले साल फरवरी में लगभग इसी समय मैं यहां आया था और संगम पर स्नान करने के साथ ही एक और सौभाग्य मिला था कि स्वच्छता को सफल बनाने वाले सफाईकर्मियों के चरण धोकर नमन करने का अवसर मिला था। आज भी कुछ वैसा ही सौभाग्य मां गंगा के किनारे फिर से प्राप्त हुआ है। आपके प्रधान सेवक के तौर पर मुझे हजारों दिव्यांगजनों व बुजुर्गजनों की सेवा करने का अवसर मिला। यहां 27 हजार लोगों को उपकरण दिए गए। किसी को ट्राइसाइकिल मिली, किसी को सुनने का उपकरण तो किसी को चलने में सहायक उपकरण मिला।
यह उपकरण इन सभी के जीवन की मुश्किलों में कुछ मदद करेंगे। यह सहयोगी उपकरण भर हैं, आपका धैर्य, साहस ही महत्वपूर्ण है। आपका जीवन यदि कोई बारीकी से देखे तो हर किसी के लिए प्रेरणा का कारण है हर पल के लिए। हमारे यहां कहा जाता है स्वस्ति ही प्रजाप्य: परिपाल यंता, न्याय न महिमणा….। भारत सरकार इसी सोच के साथ समाज के हर व्यक्ति के विकास के लिए कार्य कर रही है। चाहे वह दिव्यांग, पीडि़त, दलित, वृद्धजन हों या आदिवासी सभी की सेवा करना ही हमारा कर्तव्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिव्यांगों के लिए जिस संवेदनशीलता से इस सरकार ने काम किया उतना कभी नहीं किया गया। पहले दिव्यांगजनों को यहां वहां हफ्तों चक्कर लगाने पर थोड़ी मदद मिलती थी। दिव्यांग भाई बहनों को बेसहारा छोडऩे वाली पहले की स्थिति हमें स्वीकार नहीं थी। हमने आपका साथी बनकर आपकी दिक्कतों के बारे में सोचा। पहले की सरकारों के समय इस तरह के कैंप बहुत कम लगते थे। और इस तरह के मेगा कैंप तो गिनती के भी नहीं होते थे। हमारी सरकार ने बीते छह वर्ष में 9000 कैंप लगाए गए। हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपये से अधिक के उपकरण बांटे हैं। करीब ढाई गुना अधिक पिछली सरकार की तुलना में।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह समय भी याद करिए कि जब सरकारी इमारतों में जाने के लिए आप दिव्यांगों को दिक्कत होती थी। कुछ जगहों पर ही रैंप थे। हमारी सरकार ने सुगम्य भारत अभियान चलाकर सरकारी इमारतों को दिव्यांगों के लिए सुगम बनाने का कार्य किया। अब ऐसी इमारतें, 700 रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट को सुगम्य भारत के तहत जोड़ा गया। रेलवे के नए कोच में दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल बनाई जा रही है। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर अलग-अलग भाषा होने से दिव्यांग भाइयों को दिक्कत होती थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए जिस सेवाभाव से कार्य किया और फैसले लिए उसकी जितनी चर्चा होनी चाहिए थी वैसा नहीं हुआ। प्रयागराज तो इंसाफ और न्याय की भी नगरी है। हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों के लिए कानून लागू किया। दिव्यांगों की कैटेगरी को सात से बढ़ाकर 21 कर दिया गया। दिव्यांगों पर यदि कोई अत्याचार करता है या मजाक उड़ाता है तो उससे जुड़े नियमों को भी सख्त किया गया है। दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए विशेष अभियान चले और आरक्षण तीन फीसद से बढ़ाकर चार फीसद कर दिया गया। उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले का तीन फीसद से आरक्षण बढ़ाकर पांच फीसद कर दिया गया है। दो लाख साथियों को स्किल ट्रेनिंग दी है। हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों की भागीदारी जरूरी है। चाहे उद्योग हो या खेल का मैदान।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भी दिव्यांगजनों ने अपनी कैटेगरी में भारत का मान बढ़ाया है। दिव्यांगों के कौशल को और बढ़ाने के लिए ग्वालियर में स्पोट्र्स सेंटर बनाने की तैयारी है। यहां हर तरह की ट्रेनिंग मिलेगी।
देश में ढाई करोड़ दिव्यांग हैं और दस करोड़ से अधिक सीनियर सिटीजन हैं। राष्ट्रीय वयोश्री योजना से ढाई करोड़ से अधिक सहायक उपकरण दिए जा चुके हैं।
हमने नियम बदल दिए कि किसी भी सूरत में बैंकों में जमा रुपये में से कम से कम पांच लाख रुपये सुरक्षित रहें। पहले यह सीमा एक लाख रुपये तक थे। हमने बैंकों पर संकट आने की स्थिति में पहले की तुलना में जमा रुपयों को सुरक्षित रखने की दिशा में बड़ा कदम उठाया लेकिन उसकी चर्चा जितनी होनी चाहिए नहीं होती।
लोग अपने पीएफ और पेंशन के रुपयों को बैंक में रखकर अपना भविष्य सुरक्षित रखना चाहते हैं लेकिन पहले यह इतना सुरक्षित नहीं था। सीनियर सिटीजन को टैक्स से लेकर दूसरे निवेश में हर संभव सहूलियत दी जा रही है। स्वास्थ्य और बीमा योजनाओं के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए गए जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। अब तक देश में 24 करोड़ लोग दो बीमा योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। दिव्यांगजनों का यह महाकुंभ बेहद पवित्र है। आप सभी को नमन करता हूं और शुभकामना देता हूं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के साथ अन्य सभी का स्वागत करने के साथ कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रयागराज में कुंभ का सफल आयोजन करने के बाद हम लोग लगातार प्रगति के पथ पर हैं। वह आज दिव्यांजनों के बीच पधारे हैं, उनके कारण ही इनको समाज की मुख्यधारा में आने का अवसर मिला है। प्रदेश में साढ़े दस लाख से अधिक दिव्यांगजन को पेंशन की राशि में इजाफा किया गया है। अब इनको मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदान की जा रही है। प्रयागराज में दिव्यांगजनों का यह महाकुंभ विश्व में बड़ा संदेश देगा।
शिविर में पीएम मोदी के संबोधन से पहले सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलौत ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हम लोग दिव्यांग तथा वृद्धजनों के काम में हम लोग आगे बढ़ते ही जा रहे हैं। हमने प्रयागराज में तीन नये विश्व रिकार्ड कल ही बनाया है। अब देश के सभी दिव्यांग तथा वृद्धजनों को हमने ऐसा परिचय पत्र प्रदान करने का काम शुरू कर दिया है, जिसका लाभ उनको देश के हर राज्य में मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संगमनगरी में आगमन को लेकर हर तरफ चौकसी है। पीएम मोदी प्रयागराज की धरती से लोगों को स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और समरसता का भी संदेश देंगे। परेड मैदान में वह 27 हजार दिव्यांगजन व वृद्धजन को उपकरण वितरण समारोह में शामिल होंगे। वह दस दिव्यांगजन को अपने हाथ से उपकरण देकर उनसे अलग से मन की बात भी करेंगे।
दिव्यांगजन को उपकरण वितरण समारोह में बनने वाले रिकार्ड दर्ज करने के लिए गिनीज बुक की टीम शुक्रवार को ही पहुंच गई थी। आयोजन की व्यवस्था कुछ ऐसी की गई थी कि एक रिकार्ड शुक्रवार रात में विश्व रिकार्ड बन गया।
यह विश्व कीर्तिमान 1.8 किमी की ट्राई साइकिलों पर दिव्यांगजन की परेड का बना है। माघ मेला प्रशासन कार्यालय के सामने संगम वापसी मार्ग पर ठीक 1.8 किमी की ट्राई साइकिलों की लंबी परेड कराई गई। इस पर तीन सौ ही दिव्यांगजन बैठाए गए थे। यहां चलती हुई ट्राई साइकिलों की परेड की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई।
लंदन से आई टीम ने इस रिकॉर्ड पर मुहर लगा दी। इसके बाद शनिवार सुबह छह सौ व्हील चेयर की सबसे लंबी परेड और लाइन का रिकॉर्ड बना। इसमें चार सौ व्हील चेयर शामिल थीं। जिस पर दिव्यांगजन बैठे रहेंगे। इसके बाद एक घंटे बाद छह सौ ट्राई साइकिलों के वितरण का विश्व कीर्तिमान परेड मैदान स्थित कार्यक्रम स्थल पर बना। इन तीनों विश्व रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र शनिवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम जारी करेगी।
परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में जो दिव्यांग जन और वृद्ध उपहार में मिले उपकरण घर तक नहीं ले जा पाएंगे, उनके उपकरण घर तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है। प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है अगर दिव्यांग जन अपने घर तक उपकरण नहीं ले जा पा रहे हैं तो उसे पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी रहेगी। इसके अलावा आयोजन स्थल पर सभी दिव्यांग एवं वृद्ध जनों को ब्लॉक वार बैठाया जाएगा। जिससे उपकरण वितरित आसानी से हो सके।