पाकिस्तान को फिर झटका लगा है। वह फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में बरकरार है। उसे इस दौरान तुर्की और मलेशिया का समर्थन मिला है। सूत्रों से यह जानकारी मिली है।
पेरिस में एफएटीएफ की पूर्ण बैठक हो रही है, जो हफ्ते भर चलेगी। इसमें पाकिस्तान की किस्मत का फैसला हुआ है। ग्रे सूची से निकलने के लिए पाकिस्तान को 39 में से 12 मतों की जरूरत होगी, जबकि काली सूची में जाने से बचने के लिए उसे तीन देशों का समर्थन चाहिए।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने कहा कि पाकिस्तान की सख्ती के बावजूद कई आतंकी गुटों को उनके समर्थकों की तरफ से आर्थिक मदद मिल रही है। इसके अलावा आतंकी गुट अवैध गतिविधियों से भी धन जुटा रहे हैं। वहीं, भारत ने कहा है कि पाकिस्तान लश्कर ए तैयबा, जैश ए मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को लगातार मदद मुहैया करा रहा है इसलिए इस्लामाबाद के खिलाफ एफएटीएफ कार्रवाई करे।
पीएम इमरान खान पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकालने के लिए लगातार कोई न कोई नई झूठ बोला। समाचार एजेंसी के मुताबिक उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब पहले की तरह आतंकियों के लिए सुरक्षित जगह नहीं बची है। उनका यह बयान कहीं न कहीं एफएटीएफ के बचाव से प्रेरित था।
पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि पाकिस्तान अब आतंकियों के लिए स्वर्ग नहीं है। इमरान ने स्वीकार किया 9/11 के बाद आतंकी गतिविधि यहां अफगानी रिफ्यूजी कैंप से चलती थी। इसे रोकना आसान नहीं था, क्योंकि यहां इन रिफ्यूजी की आबादी एक लाख से ज्यादा है।
पाकिस्तान खुद को ब्लैक लिस्ट से बचाने के लिए लगातार इस तरह के झूठे दावे करने में जुटा रहा। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान आर्मी की कैद से गायब है।
पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंक से जुड़े दो मामलों में 11 साल जेल की सजा सुनाई थी। यह कदम एफएटीएफ की बैठक से ठीक चार दिन पहले आया था। माना है कि एफएटीएफ की बैठक के बाद पाकिस्तान हाफिज सईद को रिहा कर देगा। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एफएटीएफ को जानकारी दी कि उसके यहां छिपे 16 आतंकियों में से सात को मौत के घाट उतारा जा चुका है।