चंडी के भगवानपुर मुसहरी के निकट रविवार की रात मवेशी चोरों ने एक किशोर के सिर में गोली मार दी। स्वजन उसे पीएमसीएच ले गए, वहां इलाज के पहले ही उसने दम तोड़ दिया। किशोर चन्द्रदीप मांझी आज से बिहारशरीफ के बड़ी पहाड़ी हाई स्कूल केंद्र में मैट्रिक की परीक्षा देने वाला था। दूसरे का मवेशी चोरी कर भाग रहे चोरों को पकड़ने का साहस करने की कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी।
बताया जाता है कि मवेशी चोर लालगंज गांव के दिनेश उर्फ लोढ़ी केवट की झोपड़ी से बीती रात भैंस चोरी कर पैदल ही खेत के रास्ते ले जा रहे थे। घर वालों को कुछ ही देर बाद चोरी का पता चला तो चोर-चोर का शोर मचाते मवेशी चोरों का पीछा करने लगे। जैसे ही बगल के टोला भगवानपुर मुसहरी के किशोर ने शोर सुना, वह भी भैंस के खुरों के निशान के आधार पर चोरों का पीछा करने लगा।
उसके कुछ दूर पीछे गांव के अन्य लोग थे। सबसे पहले किशोर ने भैंस लेकर भाग रहे दोनों चोरों को दबोच लिया। खुद को फंसता देख चोरों में से एक ने कट्टा निकाल लिया और किशोर के सिर में गोली मार दी। जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गया।
स्वजन उसे पहले चंडी रेफरल अस्पताल ले गए, वहां से उसे बिहारशरीफ के सदर अस्पताल भेजा गया। सदर अस्पताल से चिकित्सक ने पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया। जहां नाम व पता लिखने के दौरान ही किशोर ने दम तोड़ दिया। शव का पोस्टमार्टम पीएमसीएच में ही कराया जा रहा है। घर पर लोग शव आने का इंतज़ार कर रहे हैं।
बताया जाता है कि जब मवेशी चोर ने किशोर को गोली मार दी तो पीछा कर रहे अन्य लोग ठिठक गए। मौका देख हत्या करके मवेशी चोर भाग निकले। हालांकि भागने के दौरान खेत में ही भैंस को छोड़ दिया।
मृतक का नाम चन्द्रदीप मांझी (15 वर्ष) था। वह हिरामन मांझी के पांच पुत्रों में सबसे छोटा था। उनके एक पुत्र की पहले ही मौत हो चुकी है। स्वजन खेत में मजदूरी और ईंट भट्ठे पर काम करते हैं। घटना के बाद स्वजन व गांव वाले काफी आक्रोशित हैं। घटनास्थल चंडी थाना से महज एक किमी दूर है। इस कारण लोग इसे पुलिस गश्त में शिथिलता का परिणाम मान रहे हैं।