15 दिसंबर 2019 को जामिया में हुई पुलिस कार्रवाई को लेकर नए वीडियो के सामने आने के बाद अब फिर से इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का सिलसिला शुरू हो गया है. पहले विपक्षी दलों और संघटनों ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा पुलिस का झूठ बेनकाब हुआ है और वीडियो से साफ है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
अब बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हा ने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी वह हिंसा, तोड़फोड़ आगजनी और उपद्रव में शामिल थे और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अलग अलग वीडियोज़ में वह लोग हिंसा में शामिल नजर आ रहे हैं. ऐसा नहीं है की उस हिंसा में जामिया के सभी छात्र ही शामिल थे लेकिन जो भी लोग शामिल थे उनके खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए।
जीवीएल ने कहा की पुलिस ने अगर अत्याधिक बल का इस्तेमाल किया तो यह देखना पुलिस का काम है और हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस इस ओर जांच कर अपनी कार्रवाई करेगी.
लेकिन यह कह देना कि किसी के खिलाफ कार्रवाई होनी ही नहीं चाहिए थी वह गलत है क्योंकि पुलिस की कोशिश थी कि हालात को सामान्य किया जाए और जो लोग भी हिंसा में शामिल है उनके खिलाफ कार्रवाई हो और उसी कड़ी में यह कार्रवाई हुई थी.
जीवीएल ने इसके साथ ही प्रियंका गांधी के ट्वीट पर भी हमला करते हुए कहा कि प्रियंका की मां सोनिया गांधी ने बाटला हाउस में एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों के लिए आंसू बहे थे और अब प्रियंका भी बिना किसी जांच-पड़ताल के हिंसा में शामिल लोगों और उपद्रवियों के समर्थन में बोल रही है. कांग्रेस के नेताओं को ऐसे बयानों से बचना चाहिए और सुरक्षाबलों का सम्मान करना चाहिए.