आपने घर, मकान, दुकान या फिर स्वास्थ्य बीमा के बारे में तो सुना होगा, लेकिन आपको शायद ही पता होगा कि घरों में उपयोग होने वाले घरेलू सिलेंडर का भी बीमा होता है। वह भी निः शुल्क। बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई तो जाती है, लेकिन जानकारी के आभाव में आम जनता इसका फायदा नहीं उठा पाती है। राजधानी में पिछले एक साल में कुछ गिने चुने लोगों ने ही हादसा होने के बाद इस तरह का बीमा क्लेम किया होगा। बता दें कि नियमों के तहत आपके घर में इस्तेमाल होने वाला गैस कनेक्शन वैध होना चाहिए। साथ ही आईएसआई मार्क वाले गैस चूल्हे का उपयोग होना चाहिए। गैस कनेक्शन में एजेंसी से मिली पाइप-रेग्युलेटर ही इस्तेमाल होना चाहिए वहीं गैस इस्तेमाल की जगह पर बिजली का खुला तार न हो। चूल्हे का स्थान, सिलेंडर रखने के स्थान से ऊंचा होना चाहिए। इन सभी शर्तों को पूरा किया जाता है तो आप गैस सिलेंडर के बीमा के लिए पात्र होते हैं।
50 हजार से 50 लाख रुपए तक मिलता है कवर
गैस सिलेंडर की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं के बाद इस बीमा का क्लेम 50 हजार से 50 लाख रुपए तक दिया जा सकता है। वहीं इस मुफ्त बीमा के कवर में पूरा परिवार भी आता है। इतना ही नहीं एलपीजी वितरकों को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की सुविधा भी मिलती है। हादसे में मौत होने से परिवार के लोग अदालत में जाकर मुआवजे की मांग कर सकते हैं। इस पर पीड़ित की उम्र, आय और परिस्थितियों के आधार पर मुआवजे की रकम दी जाती है।
क्लेम करने का तरीका
जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी ज्योतिशाह नरवरिया ने बताया कि गैस सिलेंडर के कारण हादसा होने पर सबसे पहले नजदीकी थाना पुलिस को सूचना देनी होती है। इसके बाद जिस एजेंसी से आपने सिलेंडर लिया है वहां पांच दिन के अंदर जानकारी देनी होती है। एजेंसी संचालक इसका प्रस्ताव बनाकर ऑयल कंपनियों व इंश्योरेंस कंपनी को देते हैं। दुर्घटना में अगर किसी की मौत हो जाती है तो इसके लिए बीमा कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय को यह मामला सौंप दिया जाता है।
पिछले एक साल में आधा दर्जन हादसे
जिला खाद्य अधिकारियों के अनुसार एक साल में रसोई गैस सिलेंडर फटने से आधा दर्जन से ज्यादा हादसे हो चुके हैं। इनमें हबीबगंज क्षेत्र, फै्रक्चर अस्पताल के पास, छोला दशहरा मैदान, कोटरा व बैरागढ़ में रिफलिंग के दौरान सिलेंडर फटने से हादसा हुआ था। इसमें से सिर्फ हबीगंज स्टेशन के सामने हुए हादसे में लोगों को बीमा की राशि दी गई। वहीं बैरागढ़ में हादसा रिफलिंग के दौरान होने के कारण बीमा का क्लेम नहीं दिया गया।
हमें बीमा की कोई जानकारी नहीं
सिलेंडर पर बीमा होने की कोई जानकारी नहीं है। हादसा होने पर कहां कैसे क्लेम किया जाना चाहिए इसकी भी जानकारी नहीं है। गैस एजेंसी संचालकों को इस संबंध में प्रचार-प्रसार करना चाहिए। नितेश खरे, निवासी ओल्ड अशोका गार्डन
पासबुक में को काई जानकारी नहीं
गैस एजेंसी से जो पासबुक दी जाती है, उसकी पासबुक में इस तरह के बीमा की जानकारी होना चाहिए। इतना ही नहीं इसके लिए कैसे क्लेम किया जा सकता है इसकी भी जानकारी होना चाहिए। अभिषेक त्योगी, निवासी साकेत नगर
आमतौर पर बड़ा हादसा होने पर हम स्वयं मौके पर जाकर बीमा का क्लेम करने के लिए एजेंसी को बोलते हैं। स्व प्रेरणा निगरानी में लेकर इस तरह के मामलों में प्रस्ताव बनाकर भेजा जाता है। वहीं एजेंसी पर डायरेक्टर भी कोई क्लेम कर सकता है। ज्योतिशाह नरवरिया, जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी
फैक्ट
पिछले एक साल में भोपाल में गैस सिलेंडर फटने से हुए हादसे- 6
क्लेम मिला –2 केस में
लंबित मामले–3
क्लेम नहीं मिल सकता–1
रसोई गैस की हर दिन बुकिंग- 10000 उपभोक्ता
भोपाल शहर में कुल उपभोक्ता 3 लाख 50 हजार
– 144.50 रुपये बढ़ गए सिलेंडर के दाम
– 866 रुपये हो गई घरेलू सिलेंडर की कीमत
– 12 सबसिडी वाले मिलेंगे सिलेंडर
– 292.43 रुपये में मिलेगी सबसिडी
कहां कर सकते हैं बीमा के लिए क्लेम
– गैस सिलेंडर की वजह से होने वाले हादसे के बाद एजेंसी में किया जा सकता है क्लेम
– डायरेक्ट ऑयल कंपनी के कार्यालय में भी दिया जा सकता है आवेदन
– जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी की भी ली जा सकती है मदद