प्रदेश की योगी सरकार का चौथा वार्षिक बजट युवाओं पर केंद्रित होगा। प्रदेश का 2020-21 का बजट 5 लाख करोड़ रुपये जरूर पार कर जाएगा। लेकिन, केंद्र सरकार के बजट से कम हिस्सेदारी का असर इसमें दिख सकता है। आगामी बजट का आकार 5.25 लाख करोड़ रुपये पार करना मुश्किल है। यह 5.12 लाख करोड़ रुपये के आसपास सिमट सकता है।
योगी सरकार के पहले बजट में किसान केंद्र में थे। 2017-18 के बजट में सरकार ने किसानों की ऋणमाफी पर फोकस किया। दूसरे बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर व छोटे-मझोले उद्योगों पर फोकस रहा। 2018-19 के बजट में एक साथ बुंदेलखंड व गोरखपुर लिंक नए एक्सप्रेस-वे का एलान हुआ। पूर्वांचल व लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर काम पहले से चल रहा था। एमएसएमई सेक्टर में जान फूंकने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोजेक्ट योजना लांच की गई।
2019-20 में सरकार ने महिलाओं और बेटियों पर फोकस बढ़ाया और ‘कन्या सुमंगला योजना’ सबसे बड़ी योजना के रूप में सामने आई। चौथे बजट में सरकार का पूरा फोकस युवाओं पर केंद्रित है। इसमें युवाओं को नौकरी व स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने से संबंधित कई योजनाओं के एलान की तैयारी है। बजट में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए इंटर्नशिप स्कीम का एलान होगा।
छह महीने से साल भर तक 2,500 रुपये प्रतिमाह नकद और इसके बाद प्लेसमेंट दिलाने की योजना है। मुख्यमंत्री गोरखपुर में इस स्कीम का एलान कर चुके हैं। इसे बजट में शामिल कर लिया गया है। इस बजट की यह सबसे आकर्षक स्कीम हो सकती है।
आजमगढ़ और सहारनपुर में राज्य विश्वविद्यालय, गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय, नोएडा में पुलिस फोरेंसिक विश्वविद्यालय व नोएडा में ही राष्ट्रीय कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना का एलान संभव है। केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश के जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कालेज बनाया जा रहा है। 10 और नए मेडिकल कालेजों की स्थापना के लिए नए बजट में रकम मिलनी तय मानी जा रही है।
अटल चिकित्सा विश्वविद्यालय भी रफ्तार पाएगा। श्रमिकों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए मंडल स्तर पर अटल आवासीय विद्यालयों का शिलान्यास हो चुका है। इन सभी के लिए बजट दिया जा रहा है। तहसील स्तर पर आईटीआई की स्थापना के लिए भी बजट तय माना जा रहा है। वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन योजनाओं से सभी श्रेणी व वर्ग के युवाओं को पास में अपनी पसंद की शिक्षा, नौकरी और रोजगार के अवसर मिलेंगे और अभिभावकों का खर्च कम होगा।
इसी तरह पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए कर्नाटक राज्य की तरह एक प्लेसमेंट हब बनाने का प्रस्ताव है। इसके अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास, सेवायोजन व तकनीकी शिक्षा से पढ़ाई करने वाले बच्चों को एक ही प्लेटफार्म से प्लेसमेंट दिलाने की व्यवस्था होगी। यहां से जिन्हें नौकरी दिलाई जाएगी, वह काम कर रहे हैं, इसे सुनिश्चित करने के लिए एक वर्ष तक ऐसे युवाओं की ट्रैकिंग की जाएगी। उनसे संपर्क रखा जाएगा।
रिक्त पदों को भरने का पूरा फोकस होगा। तेजी से भर्ती के लिए बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के लिए नया शिक्षा सेवा चयन आयोग बना दिया गया है। इसके लिए भी बजट की व्यवस्था की जा रही है। इसे तीनों ही स्तर पर रिक्त शिक्षकों व कर्मचारियों के रिक्त पदों के भरने का काम अभियान पूर्वक शुरू कराया जाएगा। पुलिस व अन्य विभागों के रिक्त पदों को भरने के लिए भी विभागों को बजट मिलेगा।