प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को काशी आ रहे हैं। पिछले करीब छह साल में उनका यह 22वां दौरा है। पीएम मोदी साढ़े 6 घंटे अपने संसदीय क्षेत्र में रहेंगे। सुबह 10.15 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पर उतरेंगे और शाम 4.45 बजे दिल्ली लौट जाएंगे। पीएमओ की ओर से मिनट-टु-मिनट प्रोटोकॉल जारी कर दिया गया है। इस दौरान पीएम मोदी तीन कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री का बड़ा लालपुर स्थित हस्तकला संकुल, पड़ाव पर स्थित दीनदयाल संग्रहालय और जंगमबाड़ी मठ में चल रहे वीरशैव कुंभ में जाने का कार्यक्रम है।
बाबतपुर एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी की आगवानी करेंगे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री सभी कार्यक्रमों में पीएम के साथ मंच साझा करेंगे। पड़ाव में दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा और संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। यहां सभा के लिए मंच तैयार हो गया है। पार्क का भी काम लगभग पूरा हो चुका है। शुक्रवार को एसपीजी के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे दिन संग्रहालय का निरीक्षण कर दिशा निर्देश देते रहे। वहीं मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, डीएम नवनीत सिंह चहल, एसपी हेमंत कुटियाल, एसडीएम हर्ष कुमार पूरे दिन एसपीजी टीम के साथ संग्रहालय से हेलीपैड स्थल तक का निरीक्षण कर बराबर अधीनस्थों को दिशा निर्देश देते रहे।
सिलवर से इंटर पिटेशन वाल से हो रहा रंग रोगन
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के उपदेश व व्याख्या के ऊपर इंटर पिटेशन वॉल से रंगाई किया जा रहा है। ताकि धूप व मिट्टी इसपर जम ना सकें, और बारिश से खराब न हो। इससे इंटर पिटेशन वॉल से किसी भी मौसम में इसपर प्रभाव नहीं पड़ेगा। सालो साल एकदम नया जैसा दिखाई देता रहेगा।
मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री आज ही पहुंचेंगे
प्रधानमंत्री के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार की दोपहर तीन बजे बनारस पहुंच जाएंगे। वह पड़ाव और टीएफसी में स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लेंगे। सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम भी करेंगे। सीएम के अलावा केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय, रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, केंद्रीय मंत्री सिद्धार्थ सिंह, उद्योग व एमएसएमई राज्य मंत्री उदयभान सिंह, नगर विकास व प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा भी आ जाएंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
जंगमबाड़ी मठ में पीएम सहित नौ लोग होंगे मुख्य मंच पर
जंगमबाड़ी के वीरशैव महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आठ अन्य विशिष्टजन मंच साझा करेंगे। इनमें रम्भापुरी मठ के जगद्गुरु वीरसोमेश्वर शिवाचार्य महास्वामी, उज्जैनी पीठ के जगद्गुरु सिद्धलिंराज शिवाचार्य, श्रीशैलम् पीठ के जगद्गुरु डॉ. चन्नासिद्धारामा, काशी पीठ के जगद्गुरु डॉ. चंद्रशेखर शिवाचार्य, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं कर्नाटक के सांसद जयसिद्धेश्वर शिवाचार्य के नाम शामिल हैं।
वीरशैव महाकुंभ के लिए देश भर से जुटने वाले हजारों अनुयायियों, संत-महात्माओं और धर्म आध्यात्म से जुड़े विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ विद्वानों के आने-जाने, आवास-भोजन सहित उनके अन्य आवश्यक व्यय जंगमबाड़ी मठ द्वारा किए जा रहे हैं। यह सारा काम उस धरनाशि से हो रहा है, जो देश भर से अनुयायियों ने दान में दिया है। मठ के सूत्रों के अनुसार 40 दिवसीय शैव महाकुंभ के लिए करीब बीस करोड़ रुपए दान में मिले हैं। इसमें छह करोड़ की धनराशि कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा द्वारा धर्मार्थ कार्य के लिए उपलब्ध कराई गई है।
पारंपरिक लोकवाद्यों की मंगल ध्वनि से स्वागत
मठ के प्रवेश द्वार पर प्रधानमंत्री के पारंपरिक स्वागत की तैयारी भी की गई है। दक्षिण और उत्तर भारत के कई प्राचीन लोकवाद्यों द्वारा मंगल ध्वनि से की जाएगी। सवा सौ से अधिक लोकवाद्य कलाकार पारंपरिक परिधानों में जंगमबाड़ी मठ के बाहर सड़क के दोनों ओर खड़े रहेंगे। प्रधानमंत्री के जंगमबाड़ी मठ में प्रवेश करते ही चारों वेदों की ऋचाओं का सस्वर पाठ हो जाएगा। चार आचार्यों के नेतृत्व में कुल 60 वेदपाठी बटुकों द्वारा ऋग्वेद, साम वेद,अथर्व वेद और यजुर्वेद के अनुसार क्रमश: मंगलाचरण किया जाएगा। यह मंगलाचरण प्रधानमंत्री के मुख्य मंच पर पहुंचने तक जारी रहेगा।
एक समय ऐसा भी था जब वर्तमान काशी के सबसे प्राचीन शिवालय कर्दमेश्वर महादेव मंदिर से लेकर गंगा तट तक की सारी भूमि जंगमबाड़ी मठ की संपत्ति थी। बलुआ क्षेत्र भी मठ के ही अधीन था। महामना पं. मदन मोहन मालवीय ने जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दान में भूमि मांगनी शुरू की तो जंगमबाड़ी मठ ने 80 एकड़ भूमि बीएचयू के लिए दान में दी।
प्रधानमंत्री के लिए बनवाया गया खास स्मृति चिह्न
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करने के लिए खास रजत स्मृति चिह्न जंगमबाड़ी मठ की ओर से बनवाया गया है। इस स्मृति चिह्न पर काशी विश्वनाथ और जंगमबाड़ी मठ को एक साथ दर्शाया गया है। मठ में आगमन के उपरांत जगद्गुरु डॉ. चंद्रशेखर शिवाचार्य महास्वामी प्रधानमंत्री को प्रथम मल्लिकार्जुन बाबा की संजीवनी समाधि तक ले जाएंगे। जहां मठ की वैदिक पाठशला के आचार्य मल्लिकार्जुन शास्त्री पूजन और आरती कराएंगे। पूजन के उपरांत प्रधानमंत्री को मुख्य दरबार हॉल ले जाया जाएगा जहां ज्ञानपीठ जंगमबाड़ी के पीठाधीश्वर उन्हें रुद्राक्ष की माला और अंगवस्त्रम के साथ मठ की ओर से उनके स्वस्थ, दीघार्यु होने तथा राष्ट्र सेवा में सतत समर्पित रहने का आशीर्वाद दिया जाएगा।
बड़ालालपुर स्थित हस्तकला संकुल में जुटे हस्तशिल्पी
दीनदयाल हस्तकला संकुल में तीन दिवसीय काशी एक रूप अनेक कार्यक्रम में हस्तशिल्प उत्पादों की बारिकियां जानने के लिए चार देशों से खरीदार पहुंच रहे हैं। आस्ट्रेलिया, कनाडा, यूएसए व इटली से करीब 35 खरीदार संकुल में लगी प्रदर्शनी देखने बनारस में तीन दिन रुकेंगे व बुनकर बहुल इलाकों में जाकर उनसे मिलेंगे। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। पैट्रिशिया जॉनसन, सिगरिट ओल्सन, माएला आर्जेडॉन, एमाबेल आदि विदेशी खरीदार कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। संकुल में हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों के 50 से अधिक स्टॉल लगेंगे। शिल्पी व बुनकर अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन करेंगे। एक प्रमुख आकर्षण में जयपुर, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश से आए कलाकार बनारस के कारीगरों के साथ कला का प्रदर्शन करेंगे। जयपुर के कारीगर ब्रजवल्लभ पौधों से रंग तैयार करने की विधि बताएंगे। जयपुर के ही दीपक संकित गुलाबी मीनाकारी की कलात्मकता प्रस्तुत करेंगे। कलमकारी में श्रीधर राव अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
अधिकारियों ने देखी तैयारी
हस्तशिल्प, उद्योग, हथकरघा व यूपीआईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार को दीनदयाल हस्तकला संकुल में तैयारियों को देखा। उद्योग विभाग के संयुक्त आयुक्त उमेश कुमार सिंह, सहायक निदेशक हस्तशिल्प अब्दुल्ला सहित अन्य अधिकरियों ने तैयारियों का जाएजा लिया। यूपीआईडी की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला ने बताया कि बनारस सहित प्रदेश के शिल्पियों व बुनकरों को फोकस करके यह आयोजन किया जा रहा है। बुनकर व शिल्पियों के बेहतरीन उत्पादों को देखने के लिए चार देशों से खरीदार आ रहे हैं।
शमसुर्रहमान प्रस्तुत करेंगे शिवस्तुति
भरतनाट्यम कलाकार शमसुर्रहमान शिवस्तुति व गंगा अवतरण की प्रस्तुति देंगे। वह देश में विभिन्न आयोजनों में कृष्ण, राम व शिव पर आधारित एकल नृत्य प्रस्तुत करते रहे हैं। कन्नड़ के प्रसिद्ध गीत बारो कृष्णयया में व तमिल भाषा में कन्नन प्रस्तुति में भगवान कृष्ण के बाल्यकाल की विभिन्न लीलाओं को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर चुके हैं।