भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों न्यूजीलैंड के दौरे पर है। दोनों टीमों के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच 21 फरवरी से वेलिंगटन के बेसिन रिजर्व मैदान पर खेला जाना है। सोमवार को न्यूजीलैंड की टेस्ट टीम की घोषणा की जाएगी। माना जा रहा था कि तेज गेंदबाज लॉकी फर्गसन को भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में शामिल किया जाएगा, लेकिन अब खबर आ रही है कि फर्गसन कीवी टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं होंगे। फर्गसन ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू टेस्ट खेला था, लेकिन काफ इंजरी के चलते वो महज 11 ओवर ही गेंदबाजी कर सके थे। फर्गसन अब काफ इंजरी से उबर चुके हैं।
ऑकलैंड डोमेस्टिक क्रिकेट में वो अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे। रविवार को वो न्यूजीलैंड डोमेस्टिक वनडे फाइनल मैच में खेल सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च में होने वाली लिमिटेड ओवर सीरीज में वापसी पर उनका ज्यादा ध्यान है। स्टफ मीडिया के मुताबिक फर्गसन ने कहा, ‘मेरा लक्ष्य है कि मैं जल्द से जल्द टीम में वापसी करूं, लेकिन इस साल काफी क्रिकेट खेलना है। हमें वाइट बॉल क्रिकेट काफी ज्यादा खेलना है, मैं आईपीएल से बाहर हो चुका हूं। काफ इंजरी के साथ हमेशा दोबारा इंजरी का खतरा रहता है।’
साउदी, बोल्ट, वैगनर और हेनरी के बाद फर्गसन का नाम
उन्होंने कहा, ‘मेरा ध्यान रविवार को खेले जाने वाले मैच पर है और फिर मैं कुछ फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलूंगा।’ पिछले साल दिसंबर में टेस्ट डेब्यू करने वाले फर्गसन को मालूम है कि टेस्ट टीम में तेज गेंदबाजों के मामले में उनका नंबर ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी, नील वैगनर और मैट हेनरी के बाद पांचवें नंबर पर आता है। बोल्ट ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपना हाथ तोड़ लिया था, लेकिन उन्होंने माउंट मॉनगनुई में उन्होंने कीवी टीम के साथ ट्रेनिंग की थी।
‘कीवी टेस्ट टीम में जगह बनाना आसान नहीं’
फर्गसन ने कहा, ‘न्यूजीलैंड टेस्ट टीम में जगह बनाना आसान नहीं है। ऐसा नहीं है कि बाकी फॉरमैट के लिए टीम में जगह बनाना आसान है, लेकिन टेस्ट में तेज गेंदबाजी अटैक पिछले काफी समय से काफी सेटल है।’ फर्गसन को लिमिटेड ओवर क्रिकेट का स्पेशलिस्ट गेंदबाज माना जाता है, लेकिन उनका मानना है कि वो टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब से मैंने प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया है तब से मेरा लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट खेलना है। क्योंकि मेरा निजी तौर पर मानना है कि टेस्ट क्रिकेट सबसे बड़ा चैलेंज है।’