प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लखनऊ में एशिया के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया। रक्षा उपकरणों के व्यापारियों के लिए आयोजित इस सम्मेलन में 70 देशों के एक हजार से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं और 1000 से ज्यादा रक्षा कंपनियां एक्सपो में अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस एक्सपो में 39 देशों के रक्षा मंत्री मौजूद रहेंगे।
समारोह को संबोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना विशाल समागम आयोजित करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में जब भी विकास की बात होती है तो दुनिया की नजर भारत की तरफ उठती है। आज का यह आयोजन विश्व में भारत की भागीदारी का प्रमाण है। रक्षा व अर्थव्यवस्था की जानकारी रखने वाले मानते हैं कि भारत सिर्फ एक बाजार नहीं बल्कि एक अवसर है।
मोदी ने कहा कि तकनीक का गलत इस्तेमाल और आतंकवाद के खतरे को देखते हुए दुनिया भर के तमाम देश अपनी अपनी रक्षा तकनीक का विकास कर रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। हमारी कोशिश है कि आने वाले पांच साल में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के करीब 25 रक्षा उत्पाद विकसित किए जाएं। बीते पांच वर्षों में डिफेंस के क्षेत्र में तेजी आई है। 2014 के बाद बड़ी संख्या में डिफेंस लाइसेंस विकसित किए गए हैं। जिससे कि निजी क्षेत्र को भी रक्षा क्षेत्र में हिस्सेदारी का मौका दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि अगले पांच वर्षों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 35 हजार करोड़ तक पहुंचे। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में भारत सैकड़ों वर्षों तक विश्व के लिए एक बड़ा एक्सपोर्टर रहा है। आजादी के बाद सबसे बड़ी सेना, सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के बावजूद भारत विश्व का सबसे बड़ा हथियारों का आयातक बन गया।
वर्ष 2014 के बाद बड़े पैमाने नीतियों का निर्माण किया गया। बीते पांच-छह वर्षों में डिफेंस उत्पादों की मैन्युफक्चिरिंग में भारत को आगे बढ़ाने के लिए काम किया गया और बड़े पैमाने पर नीतियां बनाई गईं और अब हम डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा रक्षा क्षेत्र में भारत की महत्वाकांक्षा किसी देश के खिलाफ नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में अपने संबोधन में लखनऊ में डिफेंस एक्सपो आयोजित करवाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन मेक इन इंडिया के लिए बेहद जरूरी हैं।
बेहतर कनेक्टिविटी और कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति के कारण उत्तर प्रदेश मैन्युफैक्चरिंग का एक बेहतर गंतव्य बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि इस एक्सपो के दौरान 23 एमओयू यूपी सरकार के साथ होने जा रहे हैं। इससे करीब ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।