देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के स्कॉलर शरजील इमाम से पूछताछ में पुलिस को चौंकाने वाली जानकारियां मिल रही हैं। पता चला है कि शरजील पीएफआई के नौ लोगों के संपर्क में था। इनसे उसकी लगातार बातचीत होती थी। ये सभी व्हाट्स ऐप ग्रुप ‘मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जेएनयू’ और ‘मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जामिया’ से जुड़े थे।
दूसरी ओर, शरजील के मोबाइल की जांच के बाद पुलिस ने जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के 15 छात्रों की पहचान की है। ये शरजील के संपर्क में थे।
पुलिस ने इनको पूछताछ के लिए नोटिस दिया है। शरजील का रिमांड सोमवार को खत्म होने के बाद उसे साकेत कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के घर पेश किया गया। वहां उसका रिमांड तीन दिन और बढ़ा दिया गया है। हालांकि पुलिस को उसके किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शरजील के लैपटॉप और डेस्कटॉप की जांच के दौरान पता चला है कि शरजील ने जामिया हिंसा से पूर्व उर्दू और अंग्रेजी में कुछ भड़काऊ पोस्टर बनाए थे। इनको उसने विभिन्न व्हाट्स ऐप ग्रुप पर पोस्ट किया था। दूसरी ओर, उसके बैंक खातों की जांच के दौरान किसी बाहरी फंडिंग की अभी जानकारी नहीं मिली है।
पुलिस खातों की डिटेल की जांच कर रही है। पुलिस ने शरजील के मोबाइल का डिलीट डाटा भी बरामद कर लिया है। मोबाइल से मिले कई वीडियो में शरजील भड़काऊ भाषण देता दिखा है। शरजील को भड़काऊ बातें बोलने में महारथ हासिल है। उसने अपनी बातचीत के जरिये पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की थी।
मोबाइल से मिले वीडियो में शरजील लोगों से सीएए और एनआरसी के खिलाफ लामबंद होने के लिए कह रहा है। जामिया मिल्लिया और शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू होने के बाद वह देश के दूसरे शहरों में भी इसी तरह के प्रदर्शन खड़े करने की कोशिश कर रहा था।