राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में रविवार सुबह अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष रंजीत बच्चन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह अपने मौसेरे भाई आदित्य श्रीवास्तव के साथ मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। पहले से घात लगाए बैठे बाइक सवार दो बदमाशों ने सुबह करीब छह बजे उनके सिर में ताबड़तोड़ कई गोलियां मारीं। बताया जा रहा है कि उन पर 9एमएम पिस्टल से गोली मारी गई है। रंजीत की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस हमले में आदित्य भी घायल हुए हैं, उनके हाथ में गोली लगी है। उन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया है, जहां उनका इलाज हो रहा है।
बताया जा रहा है कि ग्लोब पार्क के पास आगे जाते हुए एक व्यक्ति ने उन्हें रोका। वे शॉल ओढ़े हुए था। बदमाश ने पिस्टल लगाकर उनका मोबाइल छीनने की कोशिश की और इसी दौरान उनके सिर पर कई गोलियां दाग दीं। बताते चलें कि शनिवार को उनका जन्मदिन था और घर पर बर्थडे पार्टी भी हुई थी। राजधानी के सबसे व्यस्त इलाके में हुई इस घटना के बाद दहशत का माहौल है।
मामले की जानकारी मिलते ही मौकाए वारदात पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रदेश की राजधानी में इस हत्याकांड के बाद पुलिस चौकन्नी हो गई है और हमलावरों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। संयुक्त पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा ने बताया कि सिविल पुलिस क्राइम ब्रांच की आठ टीमें घटना की जांच कर रही है और हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए लगा दिया गया है। मौके पर पुलिस कमिश्नर सहित कई बड़े अधिकारी पहुंच चुके हैं। हालांकि, अभी तक हत्या की वजह का खुलासा नहीं हुआ है।
मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले रंजीत बच्चन हजरतगंज के ओसीआर बिल्डिंग में रहते थे। वह समाजवादी पार्टी के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी सक्रिय रहते थे। बताया जा रहा है कि ग्लोब पार्क से निकलने के दौरान उन पर हमला किया गया। बाइक सवार बदमाशों ने उनके सिर में गोली मार दी। गौरतलब है कि कि पिछले साल हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या उनके ही घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी।
इस हत्याकांड को लेकर यूपी में राजनीति गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने रंजीत बच्चन की हत्या को लेकर यूपी की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार को निकम्मा करार देते हुए योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है।
दो बड़े हिंदूवादी नेताओं की हत्या के बाद अब यूपी में माहौल गर्मा गया है। पुलिस ने पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी है। हमलावरों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस हत्याकांड ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था को लेकर किए जा रहे बड़े-बड़े दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।