Sentence To Death. गुजरात के सूरत में तीन साल की मासूम से दुष्कर्म व उसकी हत्या करने वाले अनिल यादव की फांसी की सजा पर हाई कोर्ट ने मुहर लगा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीएस काला ने डेथ वारंट जारी कर अनिल को 29 फरवरी को फांसी देने का आदेश दिया है। उसे अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में सुबह 4:30 बजे फांसी दी जाएगी।
सूरत के लिंबायत क्षेत्र निवासी तीन वर्षीय मासूम 14 अक्टूबर, 2018 को लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने भी बच्ची की छानबीन शुरू की। दूसरे दिन उसका शव उसी बिल्डिंग के निचले तल पर बने एक कमरे में प्लास्टिक के थैले में मिला था। उस कमरे में अनिल यादव (26) रहता था। बिहार के बक्सर जिले के मनिया गांव निवासी अनिल सूरत में काम के सिलसिले में कुछ ही समय पहले आया था। उसके कुछ दोस्त पहले ही वहां रह रहे थे। बच्ची के परिजनों से अनिल की अच्छी पहचान हो गई थी। वारदात के पांचवें दिन अनिल को गुजरात पुलिस ने उसके गांव से गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया था कि अनिल ने बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपने कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया था और इसके बाद उसकी गला घोटकर हत्या कर दी थी। बक्सर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा के समक्ष भी अनिल ने कुबूल किया था कि शराब के नशे में उसने वारदात को अंजाम दिया था।
मामला सूरत के अतिरिक्त सत्र न्यायालय में चल रहा था। इसे पॉक्सो कोर्ट का दर्जा मिला हुआ है। अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने अनिल यादव को घटना के 290 दिन बाद 31 जुलाई को फांसी की सजा सुनाई थी। 27 दिसंबर 2019 को गुजरात हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। अनिल ने हाई कोर्ट के फैसले को अभी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी है।
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