देशभर के राष्ट्रीयकृत बैंक शुक्रवार से लगातार तीन दिन तक बंद रहेंगे। 31 जनवरी व एक फरवरी को बैंककर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं और तीसरे दिन रविवार होने के कारण बंदी रहेगी। बैंककर्मियों ने कहा है कि अगर हमारी मांगे नहीं पूरी की गईं तो फिर से 11 से 13 मार्च तक फिर हड़ताल होगी और तब भी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
आज की हड़ताल में शामिल सभी बैंककर्मी सड़कों पर उतरेंगे और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। आज सुबह से ही हड़ताल में शामिल बैंकों में ताले लटके हुए हैं। वहीं राजधानी पटना के कई एटीएम में कैश नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है।
युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक संजय कुमार सिंह, विभिन्न छह संगठनों के अजीत कुमार मिश्र, विनोद कुमार सिन्हा, रंजन राज, अनिरुद्ध प्रसाद, कुमार अरविंद, जेपी दीक्षित, आरके चटर्जी ने गुरुवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वार्ता विफल हो गई है।
कहा गया है कि बैंककर्मियों का वेतन समझौता नवंबर 2017 से लंबित है। अब तक 37 बैठक के बाद भी समाधान नहीं निकला। फरवरी में भी बैठक होनी है। मांगें नहीं मानी गईं तो 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय हड़ताल होगी। एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैंककर्मी चले जाएंगे।
बैंककर्मियों की ये हैं प्रमुख मांगें
मुख्य मांगों में वेतन पुनरीक्षण के तहत कुल वेतन पर 20 फीसद बढ़ोत्तरी, पांच दिवसीय बैंकिंग कार्य, विशेष भत्ता का मूल वेतन में समाहरण, न्यू पेंशन योजना की समाप्ति, पेंशन में बढ़ोत्तरी, पारिवारिक पेंशन में सुधार, स्टाफ वेलफेयर फंड का निर्धारण ऑपरेटिंग लाभ, सेवानिवृृत्ति पर मिलने वाले लाभांश पर आयकर में छूट, कांट्रैक्ट कर्मियों के लिए समान कार्य के बदले समान वेतन शामिल है।
बहरहाल बैंककर्मियों की ये हड़ताल एेसे समय में हो रही है जब 31 जनवरी को देश का आर्थिक सर्वे और एक फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाना है।