डॉनल्ड ट्रंप ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी लड़ाई को खत्म करने के लिए मिडिल ईस्ट प्लान पेश किया है। उन्होंने विवाद को निपटाने के लिए दो-राष्ट्र का समाधान दिया है। वहीं, यूएन ने कहा है कि वैश्विक निकाय इजरायल-फिलिस्तीन विवाद खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने इजरायल और फिलिस्तीन से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, अंतरराष्ट्रीय कानून और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर संघर्ष को सुलझाने पर जोर दिया।
मंगलवार को व्हाइट हाउस में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में ट्रम्प ने दो-राष्ट्र का प्रस्ताव दिया। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि इससे शांति आएगी और किसी इजरायली या फिलिस्तीनी को उनका घर नहीं छोड़ना होगा। ट्रंप न कहा कि यरूशलम इजरायल की अविभाजित राजधानी रहेगी जो बहुत अहम होगी। ट्रंप ने प्रस्ताव रखा है कि चार साल तक क्षेत्र में इजरायल सेटलमेंट रोक दिया जाएगा और फिलिस्तीन के क्षेत्र को दोगुना किया जाएगा।
व्हाइट हाउस ने पेश किया नक्शा
बता दें कि व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ ट्रंप ने पश्चिम एशिया शांति योजना का खाका पेश किया। इस मौके पर फलस्तीन की तरफ से वहां कोई नहीं था। लेकिन ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के राजदूत मौजूद थे। इस दौरान व्हाइट हाउस ने इजरायल और फिलिस्तीन की सीमाओं को दर्शाते हुए एक नक्शा भी पेश किया। इसमें वेस्ट बैंक क्षेत्र में 15 इजरायली बस्तियों को दिखाया गया है, जो गाजा स्टि्रप से सिर्फ एक सुरंग से जुड़ा है।
फिलिस्तीन ने खारिज किया ट्रंप का प्रस्ताव
वहीं, फिलिस्तीन ने ट्रंप के इस शांति प्रस्ताव को को सिरे खारिज कर दिया है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि यह शांति प्रस्ताव इजराइल का पक्षधर है इसलिए हम इसे खारिज करते हैं। अब्बास ने कहा, ‘आज हमने जो बेकार बात सुनी है, उसके बाद हम इस शांति योजना डील के लिए एक हजार बार ना कहते हैं।’ फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के अलावा फिलिस्तीनी इस्लामी आंदोलन हमास ने भी अमेरिका द्वारा प्रस्तावित इज़राइल-फिलिस्तीन शांति प्रस्ताव को तत्काल खारिज कर दिया।