चीन में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस की दहशत पाकिस्तान तक पहुंच गई है। पाकिस्तान के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of Health, NIH) ने बताया कि बीमारी का लक्षण दिखने के बाद मुल्तान और लाहौर में चार चीनी नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पाकिस्तानियों में दहशत को देखते हुए एनआइएच ने बयान जारी कर कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी तक कोई भी पुष्ट केस सामने नहीं आया है।
एनआइएच प्रमुख मेजर जनरल आमेर इकराम ने बताया कि जुकाम, बुखार और खांसी के लक्षण देखे जाने के बाद मुल्तान के निश्तर अस्पताल (Nishtar Hospital) में एक मरीज को भर्ती कराया गया है।
हालांकि, आईसीयू में उसकी हालत स्थिर है। पाकिस्तान में खौफ की एक दूसरी और माकूल वजह भी है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्क में कोई भी ऐसी लैब नहीं है जहां कोरोना वायरस के मामलों की पहचान की जा सके।
यही कारण है कि मरीजों के खून के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए चीन भेजा गया है। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि संदिग्ध मरीज चीन से दुबई और उसके बाद 21 जनवरी को कराची पहुंचा था।
कराची से उसने मुल्तान की फ्लाइट पकड़ी थी। वहीं लाहौर में तीन चीनी नागरिकों को सर्विस अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि उक्त तीनों मरीज चीन के वुहान से पाकिस्तान आए हैं जहां से यह बीमारी फैलनी शुरू हुई थी।
लाहौर के सर्विस अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि उक्त तीनों मरीजों को चेस्ट पेन, जुकाम और खांसी के लक्षणों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, चीन में लगभग 28,000 पाकिस्तानी छात्र पढ़ रहे हैं। यही नहीं लगभग 800 पाकिस्तानी व्यापारी भी चीन में रहते हैं।
यह कनाडा, हांग कांग, थाइलैंड, आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, ताइवान, सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, फ्रांस, जापान, अमेरिका और वियतनाम तक पहुंच चुकी है।
बता दें कि चीन में तेजी से फैल रहे जानलेवा कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूरी दुनिया में दहशत का आलम है। चीन में इस वायरस से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दो हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं। इनमें 237 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। महामारी के केंद्र वुहान शहर समेत छह करोड़ की आबादी वाले हुबेई प्रांत में सभी तरह की आवाजाही बंद कर दी गई है।