पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के लिए लगातार गिरती हुई अर्थव्यवस्था चिंता का कारण है। पड़ोसी मुल्क की आवाम बढ़ती महंगाई से काफी परेशान है। वहां आटा बेहद महंगा हो गया है। पाकिस्तान के जियो टीवी के अनुसार, देश में एक किलो आटा 62 रुपये में बिक रहा है। फुटकर विक्रेता असोसिएशन के मुताबिक, गेहूं के आटे की किल्लत की वजह से बीते एक सप्ताह में आटे की कीमत पांच रुपये बढ़ी है। कराची में आटे की एक बोरी 500 रुपये में मिल रही है।
अन्य इलाकों में इतना है दाम
वहीं कुछ इलाकों में 10 किलो आटा 700 रुपये का मिल रहा है, जो पहले 450 रुपये का था। गेहूं की किल्लत के बाद से यह 250 रुपये महंगा हुआ है। लाहौर के फ्लोर मिल असोसिएशन पंजाब ने आटा छह रुपये प्रति किलो महंगा कर दिया है, जिसके बाद वहां इसका दाम 70 रुपये प्रति किलो हो गया है। गुजरनवाला में 20 किलो आटा पहले 805 रुपये का मिल रहा था। लेकिन अब इसका दाम 1,050 रुपये हो गया है।
इमरान खान ने दिया था ये आदेश
पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को ही इमरान खान ने राज्य सरकारों को खाने की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी पर लगाम कसने का आदेश दिया था।
सोमवार को हो सकती है हड़ताल
इतना ही नहीं, बढ़ती महंगाई के चलते खैबर पख्तूनख्वा में ढाबे और रेस्तरां के मालिकों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इस संदर्भ में रेस्तरां संचालकों की असोसिएशन ने इमरान खान सरकार से पुराने रेट पर आटा मुहैया कराने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो उन्हें नान और रोटी की कीमतों को बढ़ाने की इजाजत दी जाए। पाकिस्तान के चारों सूबे और इमरान की संघीय सरकार इस मसले का कोई हल निकालने की बजाय एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
हालांकि, जियो टीवी के अनुसार, शनिवार को नेश्नल फूड सिक्योरिटी और रिसर्च मंत्रालय ने शनिवार को पाकिस्तान में गेहूं की कील्लत की खबरों को झूठा बताया है। उनका कहना है कि सरकार के पास 40 लाख टन (चार मिलियन टन) गेहूं अभी भी है।
पड़ोसी मुल्क के मंत्री ने किया था वादा
पिछले वर्ष सिंध सरकार ने 7,00,000 मेट्रिक टन आटा खरीदना था, जो वह नहीं कर पाई। पड़ोसी मुल्क के मंत्री हरी राम किशोरी लाल ने 13 दिसंबर को यह वादा किया था कि एक हफ्ते में एक किलो आटे का दाम 43 रुपये हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि आटे की कीमत में तीन रुपये की कटौती होगी। कराची की 75 मिलों में एक से 24 दिसंबर तक 22,500 टन आटा आया है, जबकि इस दौरान उन्हें 92,000 टन आटा मिलने की उम्मीद थी। कराची में प्रतिदिन 7,000 से 8,000 टन आटे की खपत होती है।