जीवन में सुख और शांति के लिए आपको एक मजबूत शरीर और शायद अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि एक स्पष्ट भावनात्मक शरीर का अनुभव करने की जरूरत है। यदि आपका पूरा शरीर एक प्रतिध्वनि है तब आप किसी भी भावनात्मक चुनौती को पूरा करने के लिए तैयार रहते हैं। इन सबके लिए शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी होता है। व्यायाम के अन्य प्रकारों में योग का सबसे ज्यादा महत्व है। योग के विभिन्न आसनों द्वारा सांस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
सुखासन
सुखासन योग की सबसे आसान क्रिया है और सबसे ज्यादा लाभदायक भी। इसको करने से मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति मिलती है। सुखासन करने के लिए पैरों को पालथी मार कर बैठ जाएं और पीठ को बिल्कुल सीधा रखें। ध्यान रहें इस आसन को करते समय हाथों की मुद्रा का विशेष ख्याल रहे। इस आसन को करने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है।
भुजंगासन
शरीर का लचीलापन बनाए रखने और पेट की चर्बी घटाने में यह बहुत मदद करता है। सर्वप्रथम पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद हथेली को कंधे के सीध में रखें। दोनों पैरों के बीच में दूरी नहीं होनी चाहिए तथा पैर तने हुए होने चाहिए। इसके बाद सांस लें और शरीर के अगले भाग को ऊपर की ओर उठाए। इस बात का ख्याल रहे की कमर पर ज्यादा खिंचाव ना आने पाए। कुछ सेकंड्स इसी अवस्था में बने रहे। फिर गहरी सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाये।
ताड़ासन
ताड़ासन योग की क्रिया को करने से पैरों में मजबूती आती है। इस मुद्रा में कम से कम 12 सेकेंड तक रहते हुए रोजाना दस बार अभ्यास करना चाहिए।
त्रिकोणासन
कमर और जांघों के पास का मोटापा कम करने के लिए ये एक बढ़िया आसन है। त्रिकोणासन करने से पाचन की समस्या दूर होती है। रोजाना कम से कम दो से तीन मिनट तक इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।