इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी (इग्रुआ) में करोड़ों का माल कौड़ियों के भाव कबाड़ी के हाथ बेच दिया गया। संस्थान के पूर्व निदेशक वीके वर्मा के कार्यकाल में किंग एयर हवाई जहाज का सिमुलेटर, जिसकी कीमत 60 करोड़ थी, चालू हालत में होने के बावजूद उसे काटकर महज दो लाख रुपये में कबाड़ी के हाथ बेच दिया गया। जो सिमयुलेटर बेचा गया, वह भारत में सिर्फ इग्रुआ में ही प्रधानमंत्री रहते हुए राजीव गांधी के प्रयास से लगवाया गया था।
इग्रुआ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सीएई के एयर मार्शल निदेशक वीके वर्मा व उनके लोगों ने मिलकर 2013 में संस्थान में लगे किंग एयर हवाई जहाज के सिमयुलेटर को कटवा डाला और 2015 में उसे दो लाख की कीमत में कबाड़ी के हाथ बेच दिया गया। गुरुवार को जब पुलिस ने इग्रुआ के पूर्व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डीके महेश का सामान ले जाते ट्रक को पकड़ा तो उसमें भी सिमयुलेटर की कुछ प्लेट मिलने की बात कही जा रही है। संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी संदीप पुरी ने कहा कि वह नए हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
डीके वर्मा का रहा विवादों से गहरा नाता: इग्रुआ के पूर्व निदेशक डीके वर्मा का विवादों से गहरा नाता रहा है। साल 2013 में इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी के करीब राष्ट्रीय उड़ान विवि स्थापित करने के लिए लगने वाली जमीन की अनुमानित व्यय 142.88 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार द्वारा बताई गई थी। बावजूद इसके निदेशक रहते हुए डीके वर्मा ने बिना अधिकार के इग्रुआ की 26.36 एकड़ जमीन आठ जुलाई 2016 को विमानन विवि के नाम बैनामा कर दी। इसकी जांच भी चल रही है।
सिमुलेटर बना स्क्रैप ट्रेडर्स का केबिन: इग्रुआ के जिस सिमुलेटर में कभी पायलट प्रशिक्षण लेते थे, आज उसमें फुरसतगंज कस्बे में ही स्क्रैप ट्रेडर्स का केबिन बना हुआ है। अंदर का कीमती सामान काटकर बेचा जा चुका है।क्या होता है सिमयुलेटर : सिमयुलेटर को धरती का हवाई जहाज कहा जाता है। इसके अन्दर ट्रेनी पाइलट को जहाज उड़ाने की विधाओं की जानकारी दी जाती है।