सामूहिक दुष्कर्म या फिर बदले की भावना से दुष्कर्म के कई मामलों के बाद बरेली में एक बड़ा केस सामने आया है। यहां पर एक महिला ने 39 लोगों पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराया है। दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि उसके साथ 35-37 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद उसकी वीडियो क्लिपिंग बना ली। विरोध करने पर महिला को बुरी तरह मारा-पीटा और उसके बच्चों व पति को जान से मारने की धमकी दे दी। जिसके बाद दरिंदे महिला को लगातार ब्लैकमेल करते रहे और आए दिन अलग-अलग लोगों को बुलाकर उसके साथ एक वर्ष तक सामूहिक दुष्कर्म करवाते रहे।
महिला का आरोप है कि एक साल में करीब 39 से 40 लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। महिला के विरोध करने पर दरिंदे उसके मुंह में कपड़ा ठूंस देते थे और फिर उसको नग्न अवस्था में मारते पीटते थे और फिर चार से पांच लोग उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देते थे। करीब 15-16 दिन पहले की इस घटना के बाद अब ग्रामीण लामबंद हो गए हैं और वह पुलिस के पास अपने बयान दर्ज कराने पहुंच रहे हैं। आरोपित के परिजनों ने सीओ से मुलाकात कर उस महिला पर संगीन आरोप लगाए हैं। परिजनों का साफ तौर पर कहना है कि गांव के ही शख्स ने पत्नी से तहरीर दिलवाकर गांव के चार नामजद और 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है जोकि पूर्णतया झूठी है।
बरेली में एक महिला ने 39 लोगों के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराई है। महिला के लगातार दबाव के बाद बरेली के कैंट थाना में यह केस दर्ज किया गया है। एसएसपी ने सीओ प्रथम को जांच सौंपी है। इसी क्रम में शनिवार को आरोपी पक्ष के दर्जनों परिजनों ने सीओ प्रथम से मुलाकात की और न्याय की गुहार लगाई है। न्याय की गुहार लगाने वालों का कहना है कि आरोप लगाने वाली महिला के परिवार के कई लोगों ने गांव के दो दर्जन से अधिक लोगों ने पैसा उधार ले रखा है। मांगने की बदले की भावना से केस दर्ज कराया गया है। अब वापस न देने पर गांव के ही लोगों पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करा दी है। वहीं महिला जो दर्द बयां कर रही है, वह भयावह है। सीओ सिटी अशोक यादव ने जांच के बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही है।
आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उस शख्स और महिला के परिजनों ने गांव के लोगों से उधार पैसे लिए थे। जब गांव के लोगों को यह पता चला कि उसने अपनी कोई प्रॉपर्टी बेची है उसके पास पैसे देने का इंतजाम है, तब गांव वालों ने उससे उनके पैसे वापस देने की मांग की। जिसके बाद महिला ने इन लोगों को घर बुलवाया और मारपीट की। मारपीट के बाद उन्होंने गांव के उन लोगों पर एफआईआर दर्ज करा दी, जिनको भी पैसे वापस देने थे।
कैंट क्षेत्र के एक गांव की महिला और उसके पति ने एसपी क्राइम से 16 दिसंबर को शिकायत की थी। इसमें चार नामजद समेत 35 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। बताया था कि नामजद आरोपितों ने उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया था। एसपी क्राइम ने जांच कर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। थाना कैंट में दर्ज मुकदमा की जांच सीओ सिटी अशोक कुमार सिंह कर रहे हैं। शनिवार को दुष्कर्म पीडि़ता पति के साथ बयान दर्ज कराने पहुंची। उसने अपने बयान छह लोगों के नाम दर्ज कराए हैं। दूसरी ओर उसी गांव के लगभग 50 ग्रामीण भी सीओ सिटी के कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने शनिवार को कथित पीडि़त के खिलाफ पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय के बाहर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने बाद में सर्कल अधिकारी अशोक कुमार से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि महिला ने पति के 2.50 लाख रुपये चुकाने के लिए कहा जाने के बाद फर्जी दुष्कर्म के मामले दर्ज किए थे। उसने इन 39 लोगों से उधार लिया था। महिला का पति शराबी है और उसने कई लोगों से पैसे उधार लिए हैं। उसने अपनी संपत्ति बेचकर पैसे लौटाने का वादा किया था। जब उसने अपनी संपत्ति बेच दी और पैसे वापस करने के लिए कहा गया, तो उसने अपनी पत्नी का इस्तेमाल किया। एक फर्जी शिकायत। हम सभी अपना बयान देने के लिए तैयार हैं। पुलिस को न्याय प्रदान करना चाहिए।
एसएसपी शैलेश पांडे ने कहा कि जांच अभी चल रही है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि जांच तथ्य और सबूत पर की जाएगी और सुनिश्चित की जाएगी। कोई भी निर्दोष व्यक्ति जेल नहीं गया। 17 दिसंबर को बलात्कार करने वाले ने एसएसपी बरेली से मुलाकात की और एक शिकायत दर्ज की जिसमें उसने आरोप लगाया कि उसकी पिटाई की गई और अमित, शंभू, चमन और पुष्पेंद्र ने सामूहिक दुष्कर्म किया। उसने आरोप लगाया इन लोगों ने मारपीट का एक वीडियो भी शूट किया और पिछले एक वर्ष से 35 अन्य लोगों के साथ दुष्कर्म करा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि एक आरोपी अमित ने उनके घर से 50,000 रुपये चुरा लिए थे। पुलिस ने बाद में अमित, शंभू, चमन, पुष्पेंद्र और 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। महिला को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया था, लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस को अभी तक मेडिकल जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। पीडि़ता ने 23 दिसंबर को एसएसपी कार्यालय का दौरा किया और आरोप लगाया कि ग्रामीण उसे गांव छोडऩे के लिए मजबूर कर रहे थे।