भारत के चालू खाता घाटे में बड़ा योगदान देने वाले सोने के आयात में कमी दर्ज की गई है। सोने के आयात में अप्रैल 2019 से नवंबर 2019 के दौरान कमी आई है। इस अवधि में यह सात फीसद की गिरावट के साथ 20.57 बिलियन डॉलर पर आ गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 की समान अवधि में सोने का आयात 22.16 बिलियन डॉलर रहा था। 
सोने के आयात में कमी ने देश के व्यापार घाटे में कमी लाने में भी मदद की है। देश का व्यापार घाटा इस वित्त वर्ष की आठ महीने की अवधि के दौरान 106.84 बिलियन डॉलर हो गया है। वहीं एक साल पहले की समान अवधि में यह 133.74 बिलियन डॉलर रहा था।
इस साल जुलाई महीने से सोने के आयात में नकारात्मक ग्रोथ देखने को मिल रही है। हालांकि, अक्टूबर महीने में यह 5 फीसद की ग्रोथ के साथ 1.84 बिलियन डॉलर और नवंबर में 6.6 फीसद की ग्रोथ के साथ 2.94 बिलियन डॉ़लर रहा। गौरतलब है कि भारत सोने का सबसे अधिक आयात करने वाला देश है। मुख्य रूप से जुलरी इंडस्ट्री इसका आयात करती है। मात्रा के आधार पर देखें, तो भारत सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात करता है।
गौरतलब है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में सोने के आयात से व्यापार घाटे और सीएडी पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए सोने पर आयात शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसद कर दिया था।
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