पहाड़ों में बर्फबारी के बाद उत्तर भारत में चल रही बर्फीली हवाओं से इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस हांड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों का हाल बुरा है। ठंड इन दिनों इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि एक-दो स्वेटर भी से काम नहीं चलने वाला, इस बढ़ती ठंड में जैकेट भी कम पड़ रहे हैं। कान शरीर का वह हिस्सा है, जिसे लोग नजरअंदाज करते हैं। खासकर युवाओं को लगता है कि टोपी या मफलर पहनने से उनकी स्टाइल और फैशन पर असर पड़ेगा। डॉक्टरों के अनुसार, कानों को हवा से न बचाना भारी पड़ सकता है। मफलर या टोपी न पहनने से कानों में ठंडी हवा जाने से आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती है।
इस ठंड में कानों में हवा जाने से सर्दी-जुकाम लगना आम बात है। इसके चलते कईयों का हाल बुरा है। यूं तो सर्दी-जुकाम से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर ठंड बढ़ने के साथ कान में दर्द की भी शिकायत होने लगे तो ध्यान देने की जरुरत है। कानों में दर्द की दिक्कत ज्यादातर बच्चों और युवाओं में देखी जाती है, क्योंकि वे कानों को ढक कर नहीं रखते। कान के दर्द को अगर हल्के में लिया गया तो आगे चलकर काफी खतरनाक हो सकता है।
सर्दी-जुकाम अगर ज्यादा दिन रहे तो नाक के पिछले भाग से कान तक आने वाली यूस्टेकियन ट्यूब ठीक से काम करना बंद कर देती है। इससे संक्रमण और सूजन आ जाती है। कान में द्रव बढ़ने से असामान्य दबाव हो जाता है और दर्द बढ़ने लगता है। ऐसे में फौरन डाक्टर से मिलना चाहिए।
सर्दियों में कई बार दांतों की समस्या होने पर भी कान में दर्द शुरु हो जाता है। शुरुआती स्थिति में प्याज के रस की दो से तीन बूंदे डालें तो इससे आराम मिलेगा। आराम न मिलने पर आपको डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
कान के दर्द में सरसों का तेल भी घरेलू उपाय है। सरसों के तेल को हल्का गर्म करके एक बूंद कान में डालने से आराम मिलेगा। तेल को गर्म करते समय साफ-सफाई का ध्यान जरुर रखें। आराम नहीं मिलने पर डॉक्टर की सलाह लेना उचित होगा।
कान के दर्द में लहसुन भी कारगर साबित होता है। लहसुन की एक या दो कलियां लेकर उसे सरसों के तेल में गर्म करें। जब कलियां पक जाएं और भूरी हो जाएं तो तेल को थोड़ा ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना होने पर ये तेल कान में एक-दो बूंद डालें।
कई बार कानों में फंगल इंफेक्शन की भी शिकायत होती है। ऐसे में कान की ठीक से सफाई जरूरी होती है। कई लोग खुद से किसी भी तरह के कोई नुकीली चीज या सींक वगैरह से कान साफ करने लगते हैं। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। कान की सफाई के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक से दिखाना उचित रहेगा।