व्यापारियों की सुविधा के लिए सरकार नए वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल से नया रिटर्न फार्म लागू करेगी। इसमें व्यापारियों को यह भी सुविधा होगी कि रिटर्न गलत होने पर उसमें संशोधन कर सकेंगे। यह जानकारी बुधवार को वाणिज्यकर विभाग की ओर से मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सेमिनार हाल में आयोजित सेमिनार में दी गई।
सेमिनार कारोबारियों को दी जानकारी
जीएसटी पंजीयन जागरूकता एवं न्यू रिटर्न सिस्टम प्रशिक्षण विषयक सेमिनार में असिस्टेंट कमिश्नर खंड एक सत्यव्रत उपाध्याय ने व्यापारियों को नए रिटर्न प्रारूप के बारे में विस्तार से समझाते हुए बताया कि ऐसे व्यापारी जो सालाना पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार करते हैं, उन्हें रिटर्न एक दाखिल करना होगा। यह मासिक रिटर्न होगा, जिसमें एनेक्चर एक में बिक्री का विवरण देना होगा। इसी में उस खरीद का भी ब्योरा देना होगा, जिसमें रिवर्स चार्ज लगाया जाता है। जबकि पांच करोड़ रुपये से नीचे सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को रिटर्न दो भरना होगा। जो व्यापारी बीटूसी और बीटूबी दोनों में व्यापार करते हैं, उन्हें रिटर्न तीन भरना होगा। हालांकि, पांच करोड़ टर्नओवर से नीचे के व्यापारी मासिक अथवा त्रैमासिक विकल्पों में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं। शून्य खरीद-बिक्री से संबंधित रिटर्न एसएमएस के जरिए दाखिल कर सकेंगे। उन्होंने व्यापारियों को पंजीयन के फायदे भी बताए।
पोर्टल पर उपलब्ध है रिटर्न डेमो
कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि अभी यह रिटर्न डेमो के रूप में पोर्टल पर उपलब्ध है, इसलिए व्यापारियों को इसे ट्रायल के रूप में भरना चाहिए। आने वाली समस्याओं से विभाग को अवगत कराना चाहिए, ताकि इसकी तकनीकी खामियों को 31 मार्च तक दूर किया जा सके। सीएम के पंजीयन बढ़ाने पर जोर देने के क्रम में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य मुरारी लाल अग्रवाल, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन एके राय, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू (अपील) हरिनाथ सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर अमरनाथ यादव, डीसी (प्रशासन) एके गौतम, ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनय टंडन आदि मौजूद रहे।