हसन आगामी 23 दिसंबर को जामनगर के जिला पुलिस उपाधीक्षक का पदभार ग्रहण करेंगे। हसन के माता-पिता दोनों डायमंड वर्कर हैं, बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ने लगे तो मां नसीम बानु ने रेस्टोरेंट व विवाह समारोह में रोटी बेलने का काम करने लगी। मां की मेहनत रंग लाई, 22 साल का बेटा सपिफन हसन अब आईपीएस बन गया और अगले सप्ताह जामनगर सहायक पुलिस अधीक्षक का पदभार संभालेगा। वह भारत में सबसे कम उम्र के आईपीएस होंगे।
बचपन में सपिफन अपनी मौसी के साथ एक स्कूल में गए थे, वहां समारोह में पहुंचे कलक्टर की आवभगत व सम्मान देखकर पूछा की ये कौन है और लोग इनका इतना सम्मान क्यों कर रहे हैं। तब मौसी ने बताया ये आईपीएस हैं ओर जिले के मुखिया होते हैं। सपिफन ने उसी दिन अधिकारी बनने की ठान ली।
उत्तर गुजरात बनासकांठा के पालनपुर तहसील के छोटे से गांव कणोदर में प्राथमिक शिक्षा के बाद हसन इंजीनियरिंग की पढाई के लिए सूरत चले गए। गुजरात पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा पास कर जिला रजिस्ट्रार बन गए लेकिन मन में अभी भी आईएएस या आईपीएस बनने की इच्छा थी। गत वर्ष उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा 570वीं रेंक के साथ पास की ओर गुजरात कैडर से आईपीएस की ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद चले गए।
हसन आगामी 23 दिसंबर को जामनगर के जिला पुलिस उपाधीक्षक का पदभार ग्रहण करेंगे। उनके मन में आईएएस बनने का ख्वाब अभी भी है। सोशल मीडिया पर हसन काफी सक्रिय रहते हैं, फेसबुक पेज पर उनके करीब 80 हजार से अधिक फॉलोअर हैं।
पिता मुस्तफा व मां नसीम बानु डायमंडवर्कर हैं, बेटे की पढाई के लिए पैसों की तंगी रहने लगी तो मां नसीम पहले रेस्टोरंट पर रोटी बनाने का काम करने लगी ओर फिर विवाह समारोह में काम कर पैसे जुटाती ताकि बेटे को पढ़ाकर लिखकार बड़ा अधिकारी बनाया जा सके। आज मुस्तफा व नसीम का सपना साकार हुआ।